Dollar vs Rupee: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया बुधवार (3 दिसंबर) को पहली बार 90 रुपये के लेवल के पार चला गया। शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 9 पैसे गिरकर 90.05 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया। रुपया मनोवैज्ञानिक रूप से महत्वपूर्ण 90 प्रति अमेरिकी डॉलर के स्तर से नीचे फिसल गया, जिससे उसकी कमजोरी का दौर और बढ़ गया। व्यापार और पोर्टफोलियो फ्लो में सुस्ती के साथ अमेरिका के साथ ट्रेड डील न होने की चिंता ने भी घरेलू पर लगातार दबाव बनाए रखा है।
इससे पहले मंगलवार को रुपये ने इंट्रा-डे में 89.9475 के नए रिकॉर्ड निचले स्तर को छुआ और नियमित स्पॉट ट्रेडिंग घंटों के बाद इंटरबैंक ऑर्डर-मैचिंग प्लेटफॉर्म पर 90 प्रति डॉलर के स्तर को भी पार कर गया। भारतीय रिजर्व बैंक के लगातार हस्तक्षेप के बावजूद लगातार पांचवें ट्रेडिंग सेशन में डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट आई है।
बाजार के जानकारों का कहना है कि रुपये का 88.80 के नीचे फिसलना बाजार के लिए एक ‘मनोवैज्ञानिक और टेक्नीकल सपोर्ट’ के टूटने जैसा था। इससे रुपये पर और कमजोरी का खतरा बढ़ गया है। आरबीआई के लेवल को हफ्तों से बचाने का प्रयास कर था।
उन्होंने यह भी कहा कि इस गिरावट ने रुपये को लंबे समय से मौजूद दबावों के प्रति और अधिक उजागर कर दिया है, जिनमें कम होते पूंजी फ्लो, आयातकों की तरफ से लगातार डॉलर की खरीदारी और हाल ही में बढ़ी सट्टेबाज़ी गतिविधि शामिल हैं।
डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट की मुख्य वजह सट्टेबाजों की लगातार शॉर्ट-कवरिंग और अमेरिकन करेंसी के लिए इंपोर्टर्स की लगातार डिमांड थी। पीटीआई के मुताबिक, फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स LLP के ट्रेजरी हेड और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनिल कुमार भंसाली ने कहा, “सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) एक्सपोर्टर्स की मदद करना चाहते हैं और पिछले कुछ दिनों में डॉलर की बोली अच्छी रही है। इसलिए रुपया कमजोर हो रहा है।”
उन्होंने कहा, “नेशनलाइज्ड बैंक कल (मंगलवार) लगातार ऊंचे लेवल पर डॉलर खरीद रहे थे। ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर मार्केट बंद होने के बाद 90.0050 पर एक डील हुई। भारत-यूएस ट्रेड बातचीत रुकने और एफपीआई के भारी आउटफ्लो की वजह से डॉलर इंडेक्स कमजोर होने के बावजूद रुपये में यह गिरावट आ रही है।” भंसाली ने कहा कि अगर आरबीआई का सपोर्ट 90 पर कम होता है, तो इस साइकिल में रुपया 91 के लेवल तक जा सकता है।
MPC की मीटिंग बुधवार को शुरू हो रही है और इंटरेस्ट रेट का फैसला 10 दिसंबर को फेड के इंटरेस्ट रेट के फैसले से पहले 5 दिसंबर को आएगा। उन्होंने कहा, “आरबीआई की तरफ से रेट में कटौती से रुपये में और बिकवाली हो सकती है।” इस बीच, डॉलर इंडेक्स, जो छह करेंसी के मुकाबले डॉलर की ताकत को मापता है, 0.13 फीसदी गिरकर 99.22 पर ट्रेड कर रहा था।
ग्लोबल ऑयल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड, फ्यूचर्स ट्रेड में 0.03 फीसदी गिरकर USD 62.43 प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा था। एक्सचेंज डेटा के मुताबिक, विदेशी इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स ने मंगलवार को 3,642.30 करोड़ रुपये के इक्विटी बेचे।