Meesho IPO vs Vidya Wires IPO vs Aequs IPO: भारतीय शेयर बाजार में दिसंबर का पहले हफ्ता आईपीओ से भरा रहेगा। तीन दिसंबर को मैनबोर्ड केटेगरी में तीन आईपीओ अप्लाई करने के लिए खुल गए। जबकि अगले भी एक आईपीओ अप्लाई करने के लिए खुलेगा। बाजार के जानकारों का कहना है कि पिछले कुछ महीनों में मजबूत आईपीओ लाइनअप के बाद बाजार में थकान का असर दिखाई दे सकता है। हालांकि कुछ सकारात्मक संकेत भी मौजूद हैं। प्राइमेरी मार्केट में बुधवार को मीशो आईपीओ, विद्या वायर्स आईपीओ और एक्वस आईपीओ सब्सक्राइब करने के लिए खुल गए हैं।
मीशो आईपीओ का ग्रे मार्केट प्रीमियम या जीएमपी बुधवार को 49 रुपये पर चल रहा है। आईपीओ प्राइस बैंड के अपर एंड और ग्रे मार्केट में मौजूदा प्रीमियम को देखते हुए मीशो का अनुमानित लिस्टिंग प्राइस लगभग 160 रुपये प्रति शेयर माना जा रहा है। यह 111 रुपये के आईपीओ प्राइस बैंड से 44.14 फीसदी ज्यादा है।
पिछले छह से सात सेशन के ग्रे मार्केट रुझानों को देखें तो मीशो आईपीओ का जीमएपी लगातार ऊपर जा रहा है, जो मजबूत लिस्टिंग का संकेत देता है। एनालिस्ट्स के अनुसार, मीशो का मिनिमम ग्रे मार्केट प्रीमियम 33 रुपये और अधिकतम 42 रुपये रहा है।
सॉफ्टबैंक समर्थित ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म मीशो अपने आईपीओ के जरिए 5,421 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रहा है। यह 3 दिसंबर से सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा। कंपनी ने इश्यू का प्राइस बैंड 105-111 रुपये प्रति शेयर तय किया है। प्राइस बैंड के अपर एन्ड पर मीशो का वैल्यूएशन 50,096 करोड़ रुपये बनता है। कंपनी ने शुक्रवार को बताया कि पब्लिक ऑफरिंग 5 दिसंबर को बंद होगी और एंकर निवेशकों के लिए अलॉटमेंट 2 दिसंबर को किया जाएगा।
एक्वस आईपीओ का ग्रे मार्केट प्रीमियम बुधवार को 46.5 रुपये पर है। आईपीओ प्राइस बैंड के अपर एन्ड और ग्रे मार्केट में मौजूदा प्रीमियम को ध्यान में रखते हुए एक्वस का अनुमानित लिस्टिंग प्राइस लगभग 170.5 रुपये प्रति शेयर दिख रहा है। यह 124 रुपये के आईपीओ प्राइस बैंड से 37.50 फीसदी अधिक है।
एक्वस कंज्यूमर ड्यूरेबल और एयरोस्पेस पार्ट्स का कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग करती है। कंपनी ने आईपीओ के लिए प्राइस बैंड 118 से 124 रुपये प्रति शेयर रखा गया है। इश्यू का कुल साइज 922 करोड़ रुपये का है। कंपनी का आईपीओ 3 दिसंबर को खुलकर 5 दिसंबर को बंद होगा। जबकि एंकर निवेशकों के लिए अलॉटमेंट 2 दिसंबर को किया जाएगा।
विद्या वायर्स आईपीओ का जीएमपी आज 6 रुपये पर है। आईपीओ प्राइस बैंड के अपर एंड और ग्रे मार्केट के मौजूदा प्रीमियम को देखते हुए विद्या वायर्स का अनुमानित लिस्टिंग प्राइस लगभग 58 रुपये प्रति शेयर है। यह 52 रुपये के आईपीओ प्राइस बैंड से 11.54 फीसदी ज्यादा है।
पिछले सात सेशन की ग्रे मार्केट गतिविधियों को देखते हुए जीएमपी ऊपर की ओर जाने के बाद नीचे की तरफ आया है। हालांकि, यह अभी भी मजबूत लिस्टिंग का संकेत देता है। इन्वेस्टरगेनडॉटकॉम के अनुसार, विद्या वायर्स का मिनिमम जीएमपी 6 रुपये और अधिकतम 10 रुपये रहा है।
वाइंडिंग और कंडक्टिविटी उत्पाद बनाने वाली कंपनी विद्या वायर्स ने अपने 300 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए प्रति शेयर 48-52 रुपये का प्राइस बैंड तय किया है। प्राइस बैंड के अपर एंड पर कंपनी का वैल्यूएशन 1,100 करोड़ रुपये से ज्यादा हो जाएगा। इश्यू 3 दिसंबर से 5 दिसंबर तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुली रहेगी, जबकि एंकर निवेशकों के लिए अलॉटमेंट 2 दिसंबर को होगा।
पॉल एसेट में इक्विटी रिसर्च एनालिस्ट और 129 वेल्थ फंड के फंड मैनेजर प्रसेनजीत पॉल ने कहा, ”Meesho, Aequs और Vidya Wires के IPO 3 दिसंबर को खुल रहे हैं। सही विकल्प इस बात पर निर्भर करता है कि निवेशक सिर्फ लिस्टिंग गेन चाहते हैं या लॉन्ग टर्म नजरिए से निवेश कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, ”लिस्टिंग गेन चाहने वाले निवेशकों के लिए मीशो आईपीओ सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र रहेगा। यह तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स सेक्टर में काम करता है और भारत के टियर-2 व टियर-3 शहरों में इसकी बड़ी संभावनाएं हैं। कंपनी के पास अच्छी-खासी ग्रोथ क्षमता है। यही वजह है कि इस इश्यू को लेकर बाजार में सकारात्मक माहौल है। हालांकि, ध्यान देने वाली बात है कि मीशो हाल ही में ही मुनाफे में आया है। इसके लाभ की स्थिरता और तुलनात्मक रूप से ऊंचे वैल्यूएशन ऐसे पहलू हैं जिन्हें निवेशकों को करीब से देखना चाहिए।”
पॉल ने कहा कि एकस लिमिटेड आईपीओ का कारोबार एयरोस्पेस और कंज्यूमर मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ा है। लंबे समय तक चलने वाले स्ट्रक्चरल थीम्स से लाभान्वित होता है। इनमें ‘मेक इन इंडिया’’ जैसी पहल भी शामिल है। हालांकि, एकर अब भी घाटे में चल रही कंपनी है। यही कारण है कि यह उन निवेशकों के लिए ज्यादा उपयुक्त है जो लॉन्ग टर्म का आउटलुक रखते हैं, ज्यादा रिस्क ले सकते है और बिजनेस साइकल व क्रियान्वयन से जुड़ी अनिश्चितताओं को समझते हैं।
दूसरी ओर, विद्या वायरस एक स्थिर लेकिन कम ग्लैमरस व्यवसाय है। यह कॉपर और एल्युमिनियम वायर के निर्माण से जुड़ी कंपनी है। इसमें मीशो जैसी लिस्टिंग के समय उत्साह की संभावना कम है। लेकिन सावधान और सुरक्षित दांव लगाने वाले निवेशकों के लिए विद्या वायर्स का सरल और स्पष्ट बिजनेस मॉडल आकर्षक हो सकता है।