facebookmetapixel
यूक्रेन पर US-Russia वार्ता आगे बढ़ी, लेकिन समाधान अभी दूर: पुतिन के सलाहकार यूरी उशाकोवडॉलर के मुकाबले रुपये में ऐतिहासिक गिरावट, पहली बार 90 के पार; ट्रेड डील ने बढ़ाई चिंताIPO के बाद Meesho किस दिशा में जाएगा? कंपनी के को-फाउंडर संजीव कुमार ने सब कुछ बतायाGold silver price today: चांदी ऑल टाइम हाई पर, सोना भी हुआ महंगा; चेक करें आज के रेटआपका FATCA अपडेट है या नहीं? सिर्फ एक गलती से आपकी SIP पर लगा सकता है ब्रेक!निवेशकों के लिए गोल्डन मौका! Birlasoft और Glenmark में दिख रहे रिटर्न के संकेतभारत में होंगे 400 एयरपोर्ट! सरकार का मेगा प्लान, ₹1.25 लाख करोड़ के निवेश की तैयारी में अदाणी ग्रुपटैक्स रिटर्न से लेकर PAN तक: दिसंबर में ये 3 बड़ी डेडलाइन जानना जरूरी3 बड़े IPO दांव लगाने के लिए खुले, किसका GMP सबसे दमदार; निवेशकों के लिए कहां है कमाई का मौका?Small-cap stock: रिकॉर्ड डेट का ऐलान और शेयर चमक उठा! कंपनी ने दिया 250% डिविडेंड

IPO के बाद Meesho किस दिशा में जाएगा? कंपनी के को-फाउंडर संजीव कुमार ने सब कुछ बताया

Meesho के को-फाउंडर संजीव कुमार ने बताया कि छोटे शहरों में ई-कॉमर्स की तेज बढ़त, AI और कंटेंट कॉमर्स कंपनी के भविष्य की सबसे बड़ी ताकत बनेंगे

Last Updated- December 03, 2025 | 10:01 AM IST
Meesho IPO

ई-कॉमर्स कंपनी Meesho का ₹5,421 करोड़ का बड़ा IPO खुल गया है। इसी मौके पर कंपनी के को-फाउंडर और डायरेक्टर संजीव कुमार ने एक इंटरव्यू में बताया कि छोटे शहरों और गांवों में ऑनलाइन खरीदारी का बहुत बड़ा मौका है। उन्होंने कहा कि Meesho अभी इस मौके को बस थोड़ा सा ही छू पाया है। उन्होंने कंटेंट कॉमर्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और कंपनी की आने वाली योजनाओं पर भी खुलकर बात की। यह बातचीत बिजनेस स्टैंडर्ड के पत्रकार सूरजीत दास गुप्ता से हुई। पेश हैं संपादिश अंश-

आपने कहा कि Meesho ने छोटे शहरों और कस्बों में ई-कॉमर्स की संभावनाओं को सिर्फ छुआ है, आप ऐसा क्यों मानते हैं?

चीन और इंडोनेशिया जैसे देशों में जितने लोग चैट ऐप का इस्तेमाल करते हैं, लगभग उतने ही लोग ऑनलाइन खरीदारी भी करते हैं। भारत में अगर WhatsApp के 80 करोड़ यूजर हैं, तो ई-कॉमर्स की पहुंच उससे कम क्यों हो? भारतीय ग्राहक वैसे भी किफायती खरीदारी पसंद करते हैं, इसलिए ई-कॉमर्स यहां तेजी से बढ़ सकता है। अभी हमारे पास 23.4 करोड़ ऐसे ग्राहक हैं जिन्होंने पिछले एक साल में कम से कम एक बार खरीदारी की है। यह संख्या हर साल तेजी से बढ़ रही है। मार्केटिंग में निवेश बढ़ाने से इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में हमारे ऑर्डर 54 फीसदी और कुल बिक्री (NMV) 44 फीसदी बढ़ी है।

यह भी पढ़ें: 3 बड़े IPO दांव लगाने के लिए खुले, किसका GMP सबसे दमदार; निवेशकों के लिए कहां है कमाई का मौका?

IPO के बड़े हिस्से को आप टेक्नॉलजी और टेक इंफ्रास्ट्रक्चर पर लगा रहे हैं, ई-कॉमर्स में यह थोड़ा असामान्य नहीं है?

Meesho का बिजनेस मॉडल बहुत हल्का है, क्योंकि हम खुद स्टॉक नहीं रखते। हमारा पूरा काम प्लेटफॉर्म पर चलता है। इसलिए टेक ही हमारी असल ताकत है। ग्राहकों की संख्या और ट्रांजैक्शनों की मात्रा इतनी ज्यादा है कि इन्हें इंसानों से संभालना मुश्किल है। यहां AI बहुत जरूरी हो जाता है। AI ग्राहकों को व्यक्तिगत सुझाव देता है, सेलर्स को आसानी से प्रोडक्ट लिस्ट करने में मदद करता है और लॉजिस्टिक्स में यह तय करता है कि किस ऑर्डर के लिए कौन-सी डिलीवरी कंपनी सबसे सही रहेगी। इसी वजह से हमारे 2,000 कर्मचारियों में से 70% टेक से जुड़े लोग हैं। जहां दूसरी ई-कॉमर्स कंपनियों को बड़े-बड़े वेयरहाउस या मशीनरी पर खर्च करना पड़ता है, हमारे लिए वही निवेश AI और टेक इंफ्रास्ट्रक्चर में होता है।

आपने कंटेंट कॉमर्स पर जोर दिया है, क्या शॉर्ट वीडियो आधारित खरीदारी भारत में काम करेगी?

हमने देखा कि ग्राहक Meesho से बाहर शॉर्ट वीडियो देखने में बहुत समय बिताते हैं। चीन जैसे बाजारों में कुल ऑनलाइन बिक्री का 15-20% हिस्सा कंटेंट कॉमर्स से आता है। यही देखते हुए हमने एक ऐसा मॉडल बनाया है जिसमें सेलर्स, इन्फ्लुएंसर्स और उपभोक्ता – तीनों एक साथ जुड़ते हैं। सेलर्स अपने प्रोडक्ट के लिए वीडियो बनवाते हैं, इन्फ्लुएंसर तय करते हैं कि वे कौन-सा प्रोडक्ट प्रमोट करना चाहेंगे और फिर उन्हें Meesho या Instagram जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर पोस्ट करते हैं। ऑर्डर आने पर सेलर इन्फ्लुएंसर को कमीशन देता है। कंपनी अभी इस पर कोई कमीशन नहीं लेती। पिछले 12 महीनों में लगभग 10 लाख शॉर्ट वीडियो बने और इससे 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बिक्री हुई। तुलना में अभी यह हिस्सा छोटा है, मगर बढ़ने की गति बहुत तेज है।

यह भी पढ़ें: कंपनियां IPO का पैसा कैसे खर्च कर रही हैं? BOB स्टडी में सामने आई जानकारी

भारतीय और चीनी बाजारों में कुछ समानताएं तो हैं, लेकिन उपभोक्ता व्यवहार में सबसे बड़े अंतर क्या दिखते हैं?

A: भारत में कैश ऑन डिलीवरी की भूमिका अभी भी बहुत बड़ी है। तीन साल पहले हमारे 90% ऑर्डर COD थे, जो अब घटकर 72% रह गए हैं। धीरे-धीरे भरोसा बढ़ेगा और यह हिस्सा और कम होगा। भारत में आवाज के जरिए सर्च बहुत तेजी से बढ़ रहा है, क्योंकि बड़ी संख्या में लोग कम कीमत वाले फोन इस्तेमाल करते हैं। इसी वजह से हम ऐप को ऐसे यूजर्स के लिए खास तरीके से तैयार कर रहे हैं। इसके अलावा देश की कई भाषाओं में काम करना भी एक बड़ी चुनौती है।

क्या COD आपके मार्जिन या कैश फ्लो को प्रभावित करता है?

नहीं, COD और प्रीपेड, दोनों प्रकार के ऑर्डर पर हमारा मार्जिन योगदान लगभग एक जैसा है। ऑनलाइन पेमेंट के फायदे को हम ग्राहकों को अलग-अलग तरह के ऑफर्स के रूप में पास कर देते हैं।

आप डिजिटल फाइनेंशियल सर्विसेज में उतरने की तैयारी कर रहे हैं, आपकी योजना क्या है?

हमारे प्लेटफॉर्म पर बड़ी संख्या में खरीदार और सेलर्स मौजूद हैं। इनका डेटा हमें यह समझने में मदद करता है कि किसे कब और कितना क्रेडिट दिया जा सकता है। इसी आधार पर हम एक ऐसा प्लेटफॉर्म बना रहे हैं जहां ग्राहक Buy Now Pay Later जैसे विकल्प का बेहतर उपयोग कर सकें और महीने के अंत में भुगतान कर सकें। दूसरी तरफ सेलर्स भी अपने सफल प्रोडक्ट का उत्पादन बढ़ाने के लिए कम ब्याज लोन ले सकेंगे। इसमें कैपिटल प्रोवाइडर्स भी शामिल होंगे, जिन्हें हम अपने सिस्टम से जोड़ेंगे।

Meesho पर ग्रॉसरी बेचने का प्रयोग कैसा रहा?

जैसे-जैसे सामान पहुंचाने की लागत कम हुई है, वैसे-वैसे कम मुनाफे वाले प्रोडक्ट भी Meesho पर बेचना आसान हो गया है। अभी हम ज्यादातर महंगी ग्रॉसरी बेचते हैं, लेकिन हमारी कोशिश है कि आगे चलकर सस्ते और रोज इस्तेमाल होने वाले सामान भी लोगों तक पहुंचें, जिन्हें वे बार-बार खरीदते हैं। आगे हमारा लक्ष्य है कि डिलीवरी का खर्च और कम करके, हर इलाके में सस्ती ग्रॉसरी देने वाला मॉडल शुरू किया जा सके।

First Published - December 3, 2025 | 9:49 AM IST

संबंधित पोस्ट