यूक्रेन में लगभग चार साल से जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए रूस और अमेरिका के बीच हुई वार्ताएं “उपयोगी और रचनात्मक” रहीं, लेकिन अभी भी काफी काम बाकी है। यह जानकारी बुधवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के वरिष्ठ सलाहकार यूरी उशाकोव ने दी।
पुतिन ने मंगलवार देर रात क्रेमलिन में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के दूत स्टीव विटकॉफ और दामाद जैरेड कुशनर से मुलाकात की। ट्रंप प्रशासन की यह नई कोशिश है कि यूक्रेन युद्ध पर शांति समझौता कराया जाए। दोनों पक्षों ने वार्ता की विस्तृत जानकारी सार्वजनिक न करने पर सहमति जताई।
उशाकोव ने बताया कि पांच घंटे की बातचीत “काफी उपयोगी, रचनात्मक और सारगर्भित” थी, लेकिन इसमें अमेरिकी शांति प्रस्ताव के ढांचे पर चर्चा हुई, न कि “ठोस शब्दों” पर। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय मुद्दों पर अब तक कोई समझौता नहीं हुआ है, और बिना इसके “संकट का समाधान संभव नहीं”।
उन्होंने कहा कि कुछ अमेरिकी प्रस्ताव स्वीकार्य हैं, लेकिन कई शब्दावली हमारे लिए उपयुक्त नहीं है… इसलिए काम आगे जारी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ मुद्दों पर सहमति बनी, लेकिन कई प्रस्तावों पर राष्ट्रपति ने अपनी आलोचना और स्पष्ट नकारात्मक राय रखी।
यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब कुछ दिन पहले अमेरिकी अधिकारियों ने फ्लोरिडा में यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल से वार्ता की थी। अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने उसे “सावधानीपूर्वक आशावादी” बताया था। ट्रंप की शांति योजना, जो पिछले महीने लीक हुई थी, पर सवाल उठे हैं कि वह रूस के पक्ष में झुकी हुई है। इनमें यूक्रेन को पूरा डोनबास क्षेत्र रूस को सौंपना, यूक्रेन को NATO में शामिल होने की आकांक्षा छोड़नी होगी जैसे प्रस्ताव हैं।
पुतिन का आरोप है कि यूरोप अमेरिकी शांति प्रयासों को नुकसान पहुंचा रहा है। मंगलवार को पुतिन ने दावा किया कि यूक्रेन के यूरोपीय सहयोगी अमेरिकी प्रयासों को “साबोटाज” कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “उनके पास शांति एजेंडा नहीं है। वे युद्ध के पक्ष में हैं।” पुतिन ने आरोप लगाया कि यूरोपीय देश प्रस्तावों में ऐसी मांगें जोड़ रहे हैं जो “रूस के लिए बिल्कुल अस्वीकार्य” हैं और इस तरह पूरी प्रक्रिया को अवरुद्ध कर रहे हैं। उन्होंने फिर कहा कि रूस का यूरोप पर हमला करने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन अगर यूरोप युद्ध चाहता है और उसे शुरू करता है, तो हम तैयार हैं।
आयरलैंड में मौजूद यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा कि वे अमेरिकी प्रतिनिधियों से मिलने को तैयार हैं, लेकिन यह मॉस्को में हुई वार्ता के “संकेतों” पर निर्भर करेगा।
उन्होंने कहा, “बहुत संवाद हो रहा है, लेकिन हमें नतीजे चाहिए। हमारे लोग रोज मर रहे हैं।” फ्लोरिडा की बैठक में ट्रंप की प्रारंभिक 28-बिंदु योजना घटकर 20 बिंदुओं पर आ गई। जेलेंस्की ने कहा कि दस्तावेज अब अंतिम रूप में है”, लेकिन इसके विवरण नहीं बताए।
उन्होंने चेतावनी दी कि रूस “भ्रामक प्रचार” के जरिए वार्ताओं को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है। वहीं, यूरोपीय नेता वार्ता में शामिल होना चाहते हैं क्योंकि ट्रंप ने उन्हें योजना में शामिल नहीं किया। योजना में युद्ध के बाद यूक्रेन की सुरक्षा और वित्तीय बोझ का बड़ा हिस्सा यूरोप पर रखा गया है। यूरोप चिंतित है कि रूस को रियायतें देने से यूक्रेन के बाद अन्य देशों पर भी खतरा बढ़ेगा।
सोमवार को पेरिस में जेस्की ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात की। दोनों ने फोन पर विटकॉफ से भी बात की और आठ यूरोपीय देशों के नेताओं तथा EU अधिकारियों के साथ बात की।
सोमवार देर रात क्रेमलिन ने दावा किया कि रूस ने डोनेट्स्क क्षेत्र के महत्त्वपूर्ण शहर पोकरोव्स्क पर कब्जा कर लिया है। जेलेंस्की ने इसे खारिज करते हुए कहा कि वहां “लड़ाई जारी है”। यूक्रेन की सेना ने भी इसे “रूसी प्रचार” बताया और कहा कि वे सैनिकों को सप्लाई भेजने के लिए अतिरिक्त मार्ग तैयार कर रहे हैं।