Maharashtra Work Hours: महाराष्ट्र सरकार ने पिछले सप्ताह निजी क्षेत्र के लिए एक बड़ा बदलाव करते हुए कंपनियों में कामकाज का समय 9 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे और दुकानों में 9 घंटे से बढ़ाकर 10 घंटे करने की मंजूरी दी थी। सरकार के इस निर्णय का अब विरोध शुरू हो गया है। हिंद मजदूर सभा ने महाराष्ट्र सरकार के काम के घंटे बढ़ाने के फैसले का विरोध किया है। संगठन ने कहा है कि अगर इसे वापस नहीं लिया गया तो वह पूरे महाराष्ट्र में आंदोलन शुरू करेंगे। काम के घंटे बढ़ाए जाने की घोषणा करते वक्त सरकार ने दावा किया था कि इससे उद्योगों को सुविधा होगी और मजदूरों को कानूनी रूप से अतिरिक्त आय का अवसर मिलेगा।
हिंद मजदूर सभा की महाराष्ट्र परिषद के महासचिव संजय वाधवकर ने कहा कि राज्य सरकार को इस मजदूर विरोधी फैसले को तुरंत वापस लेना चाहिए, क्योंकि यह मजदूरों के शोषण को वैध बना देगा, श्रम विभाग के पास निगरानी के लिए पर्याप्त जनशक्ति नहीं है। यह निर्णय केंद्र सरकार के दबाव में, मजदूर संघों से परामर्श किए बिना, श्रमिकों के स्वास्थ्य और अधिकारों की कीमत पर कॉर्पोरेट मालिकों के मुनाफे को बढ़ाने के लिए लिया गया है।
संशोधित प्रावधान न केवल कार्यदिवस बढ़ाते हैं, बल्कि मौजूदा सुरक्षा उपायों को भी कमजोर करते हैं। पहले, एक कर्मचारी को पांच घंटे काम करने के बाद 30 मिनट का आराम मिलता था। अब, यह आराम छह घंटे काम करने के बाद ही मिलेगा। वाधवकर ने घोषणा की कि यदि निर्णय वापस नहीं लिया गया तो हिंद मजदूर सभा अन्य मजदूर संघों के साथ एकजुट होकर राज्य भर में सड़कों पर उतरेगी।
महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने तीन सितंबर को कारखाना अधिनियम 1948 और महाराष्ट्र दुकान एवं प्रतिष्ठान (रोजगार एवं सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम 2017 में संशोधन करके अधिकतम दैनिक कार्य घंटों को बढ़ाने की अनुमति देने वाले कानूनों में संशोधन को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही, उद्योगों में दैनिक कार्य घंटों की सीमा नौ घंटे से बढ़कर 12 घंटे हो जाएगी, जबकि पांच घंटे के बजाय छह घंटे के बाद विश्राम अवकाश की अनुमति होगी।
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कर्मचारियों की लिखित सहमति अनिवार्य होने पर, कानूनी ओवरटाइम सीमा प्रति तिमाही 115 घंटे से बढ़कर 144 घंटे हो जाएगी। साप्ताहिक कार्य घंटे भी 10.5 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे कर दिए जाएंगे। संशोधित दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम के तहत, दैनिक कार्य घंटे नौ से बढ़ाकर 10 घंटे किए जाएंगे, ओवरटाइम सीमा 125 से बढ़ाकर 144 घंटे की जाएगी तथा आपातकालीन ड्यूटी के घंटे बढ़ाकर 12 किए जाएंगे।
राज्य सरकार का दावा है कि ये बदलाव एक केंद्रीय कार्यबल की सिफारिशों के अनुरूप हैं और इसका उद्देश्य महाराष्ट्र को कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा सहित अन्य राज्यों के अनुरूप लाना है, जिन्होंने पहले ही इस तरह के सुधारों को अपना लिया है। ये परिवर्तन 20 या ज्यादा श्रमिकों वाले प्रतिष्ठानों पर लागू होंगे।