प्याज के कम दाम, बिचौलियों और सरकारी नीतियों से परेशान किसानों ने अपने दम पर समस्या का समाधान निकालने की योजना तैयार की है। इसके तहत राज्य का प्याज उत्पादक किसान संगठन महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक संघ नाशिक में एक राष्ट्रीय प्याज केंद्र स्थापित करेगा।
इसका उद्देश्य किसानों को प्याज के उत्पादन, इसके मूल्य निर्धारण एवं व्यापार निर्णयों पर अधिक नियंत्रण देना है। गौरतलब है कि नासिक जिले में स्थित लासलगांव कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) एशिया में प्याज का सबसे बड़ा बाजार है। नाशिक जिला प्याज प्रमुख प्याज उत्पादक जिला है। लेकिन पिछले कुछ सालों से मंडियों में प्याज के दाम किसानों के आंखों में आंसू निकाल रहे हैं।
किसान सरकार से लगातार प्याज की एमएसपी और प्याज आयात-निर्यात की स्पष्ट एवं स्थाई नीति तैयार करने की मांग कर रहे हैं। सरकार से निराश किसानों ने अब इसका हल खुद ही निकालने की योजना तैयार की है। राष्ट्रीय प्याज केंद्र शुरू में नाशिक जिले के सिन्नर तालुका के जयगांव में दो एकड़ की जगह पर बनाया जाएगा। भविष्य में जरूरत के हिसाब से इसका विस्तार किया जाएगा।
संघ के संस्थापक अध्यक्ष भरत दिघोले ने कहा कि राष्ट्रीय प्याज केंद्र प्याज की खेती को एक अनिश्चित एवं कर्ज पर आधारित गतिविधि से एक स्थिर, लाभदायक एवं टिकाऊ व्यवसाय में तब्दील कर देगा। उन्होंने बताया कि परियोजना के पहले चरण की लागत करीब पांच करोड़ रुपये होने की संभावना है जिसे किसानों के योगदान से जुटाया जाएगा।
किसान तैयार करेगे प्याज की नीतियां दिघोले ने कहा कि भारत दुनिया के सबसे ज्यादा प्याज उगाने वाले देशों में से एक है, फिर भी प्याज के आयात और निर्यात, निर्यात प्रतिबंध, नेफेड और एनसीसीएफ के बफर स्टॉक मैनेजमेंट, और प्राइस कंट्रोल से जुड़े फैसले अब तक किसानों से सलाह किए बिना लिए गए हैं।
राष्ट्रीय प्याज केन्द्र के चालू होने के बाद, ऐसे सभी फैसले किसानों की लीडरशिप में और उनके फायदे में लिए जाएंगे। भवन प्याज के बीज पर रिसर्च और क्वालिटी कंट्रोल, नर्सरी मैनेजमेंट, बोने के बाद खाद और पेस्टिसाइड की साइंटिफिक प्लानिंग, लागत कम करने के लिए किसानों से एकमुश्त खरीद और फसल की पूरी मॉनिटरिंग की देखरेख करेगा । ये काम मिलकर और किसानों के लिए कम खर्च पर किए जाएंगे।