मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित वैश्विक निवेशक सम्मेलन (जीआईएस) 2025 में मंगलवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि दो दिवसीय आयोजन में प्रदेश में अलग-अलग क्षेत्रों में 26.61 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इन से लाखों लोगों के लिए रोजगार के द्वार खुलेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में गत एक वर्ष में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव यानी आरआईसी में मिले निवेश प्रस्तावों को शामिल किया जाए तो प्रस्तावित निवेश की राशि करीब 31 लाख करोड़ रुपये हो जाती है।
आंकड़ों के अनुसार सबसे अधिक 54 प्रतिशत निवेश प्रस्ताव उद्योग तथा नई और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के लिए आए हैं। यादव ने कहा कि पिछले दो दिनों में लगभग 600 बिजनेस टू बिजनेस (बी2बी) और लगभग 5000 बिजनेस टू कंज्यूमर (बी2सी) बैठकों का आयोजन किया गया। शिखर सम्मेलन में अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी, गोदरेज चेयरमैन और एमडी नादिर गोदरेज, रसना ग्रुप के चेयरमैन पिरुज खंबाटा, सन फार्मा के ग्लोबल हेड ऑफ ऑपरेशंस राहुल अवस्थी समेत भारतीय एवं वैश्विक कंपनियों के 300 सीईओ, चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शामिल हुए।
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि शिखर सम्मेलन का प्राथमिक उद्देश्य विनिर्माण, बुनियादी ढांचे, कृषि, नवीकरणीय ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और सेवाओं सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के लिए मध्य प्रदेश को शीर्ष गंतव्य के रूप में बढ़ावा देना है। सोमवार को शुरू हुए मध्य प्रदेश वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन के पहले दिन गौतम अदाणी की अगुवाई वाले अदाणी समूह, मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज और सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली उत्पादक एनटीपीसी समेत 10 से अधिक कंपनियों ने मध्यप्रदेश में करीब चार लाख करोड़ रुपये का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई थी।
जीआईएस के समापन सत्र को संबोधित करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि रीजनल इंडस्ट्री कांक्लेव का कॉन्सेप्ट देश के अन्य राज्यों में भी अपनाया जाना चाहिए, जिससे सभी क्षेत्रों में संतुलित विकास हो सके। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है। वह वर्ष 2027 तक भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना चाहते हैं और मध्यप्रदेश इसमें महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि एमपी-जीआईएस का यह संस्करण प्रदेश के युवाओं के लिए अनेक रोजगार लाने में मदद करेगा और आयोजन के दौरान लॉन्च की गई क्षेत्रवार नीतियां इसके लिए अनुकूल माहौल तैयार करेंगी।
शाह ने कहा कि उद्योगपतियों के लिए अपना कारोबार और निवेश बढ़ाने के लिए स्थिर और मजबूत सरकार की जरूरत होती है और मध्य प्रदेश सरकार ये मुहैया कराती है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश उन चुनिंदा राज्यों में शामिल है, जहां केंद्रीय कानून के तर्ज पर जन विश्वास कानून लाया गया है जो कई ऐसे पुराने कानूनी प्रावधानों की दंडनीयता समाप्त करता है जो वृद्धि की संभावनाओं को प्रभावित करते हैं।
इससे पहले केंद्रीय खनन सचिव वी.एल. कांताराव ने एक सत्र में कहा कि केंद्र सरकार इस बात को लेकर आशावादी है मध्य प्रदेश चालू वर्ष में अधिकतम खनन ब्लॉक्स की नीलामी करेगा। राव ने कहा, ‘दो साल पहले मध्य प्रदेश नंबर एक पर था। गत वर्ष मध्य प्रदेश नंबर दो और राजस्थान नंबर एक पर था। इस वर्ष मुझे लगता है कि मध्य प्रदेश शायद नंबर एक हो जाएगा।’
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों और घरेलू उद्योगों के हितों की रक्षा के लिए आयात और निर्यात नीतियों में सभी आवश्यक बदलाव करेगी। चौहान ने यह उस समय कहा जब केंद्र सरकार घरेलू तिलहन दरों को बढ़ाने के लिए खाद्य तेलों पर आयात शुल्क फिर से बढ़ाने की योजना बना रही है।