मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व वाली सरकार के दो वर्ष पूरे होने के एक दिन पहले शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने एक संवाददाता सम्मेलन में दो वर्ष की सफलताओं पर बात की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके कार्यकाल में कानून व्यवस्था पर ध्यान दिया गया और नक्सलवाद के विरुद्ध बड़ी और निर्णायक कार्रवाई की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस संबंध में डेडलाइन तय की, तब सभी को लगा कि यह संभव होगा भी या नहीं, लेकिन कई पुलिस अधिकारी स्वयं आगे आए और बालाघाट में ड्यूटी की मांग की, जिससे नक्सलवाद खत्म करने में मदद मिली।
यादव ने कहा कि मंडला, बालाघाट और डिंडोरी में नक्सली समस्या का अंत प्रदेश के लिए एक बड़ा उपलब्धि है। उन्होंने कहा, ‘हमारे जवानों और आम नागरिकों ने इसकी बड़ी कीमत चुकाई है, मैं उन सभी को सलाम करता हूं।’
नदी जोड़ो अभियान पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं से प्रदेश में सिंचाई का रकबा तेजी से बढ़ रहा है। राजस्थान और मध्यप्रदेश दोनों राज्यों में पार्वती, कालीसिंध और चंबल नदी का पानी पहुंचने से बड़ी राहत मिलेगी। सीएम यादव ने कहा कि उज्जैन की शिप्रा नदी में दो तरह की चुनौतियां थीं। पिछले सिंहस्थ में साधु-संतों ने गंभीर नदी के पानी से स्नान किया था। स्नान तो हुआ और सिंहस्थ संपन्न हुआ, लेकिन शिप्रा नदी का पानी उपलब्ध नहीं था। इस बार जल संसाधन विभाग ने व्यवस्था कर दी है कि सिंहस्थ में शिप्रा नदी के जल से स्नान हो सके। इसके लिए लगभग 800 करोड़ रुपए की योजना बनाई गई है।
निपटान का जिक्र करते हुए कहा कि 300 से 400 करोड़ के बकाया में उलझी मिल का निराकरण होने के बाद भविष्य में वहां 70 से 80 हजार करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट संभावित है।
स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ी एक बड़ी घोषणा में मुख्यमंत्री ने कहा कि तेजी से बढ़ रहे मेडिकल कॉलेज के लिए बड़ी तादाद में कर्मचारी तथा डॉक्टर भी चाहिए। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र से अधिक वेतन देकर सरकार डॉक्टरों को सरकारी सेवाओं में आगे लाने का प्रयास करेगी।
उन्होंने मध्यप्रदेश में शहरी विकास को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश महानगर क्षेत्र नियोजन एवं विकास अधिनियम 2025 की मंजूरी का भी उल्लेख किया। इसके तहत इंदौर, उज्जैन, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर को मेट्रोपॉलिटन सिटी घोषित किया है।