उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बैठक के लिए जुटे G20 देशों के डिजिटल इकनॉमी वर्किंग समूह (DEWG) ने साइबर क्राइम के खिलाफ साझा प्रयास करने पर सहमति जताई है।
भारत के G20 देशों की अध्यक्षता ग्रहण करने के बाद समूह की पहली बैठक लखनऊ में सोमवार को शुरू हुई। बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डिजिटल तकनीक आज की जरूरत है। उन्होंने जानकारी दी कि उत्तर प्रदेश में 2.60 करोड़ किसानों को प्रधानमंत्री किसाम सम्मान निधि का लाभ, पेंशनार्थियों को पेंशन और छात्रों को छात्रवृत्ति इसी के जरिए दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था ने जो प्रगति की है वो दुनिया के लिए मार्गदर्शन का काम कर सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि G20 की थीम वसुधैव कुटुम्बकम भारत की प्राचीन मान्यता जो सबको जोड़ता है और हमारी सोच को प्रदर्शित करता है।
केंद्रीय रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मौजूदा हालात में डिजिटल का महत्व अर्थव्यवस्था में बढ़ा है और लोग इसे पसंद कर रहे हैं। जापान, अमेरिका, कनाडा सहित कई देशों में UPI से भुगतान का सबसे ज्यादा प्रयोग किया जा रहा है।
दुनिया के 13 देशों ने UPI सिस्टम से जुड़ने के लिए MoU पर हस्ताक्षर किए हैं। खुद गूगल ने इसे अपनाते हुए सराहना की है। भारत में लोग करेंसी से डिजिटल की ओर जा रहे हैं। भरातीय रेलवे में हर स्टेशन पर डिजिटल तरीके से काम हो रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विधिक, तकनीकी और जागरूकता के तरीके अपना कर साइबर क्राइम को रोकने का काम हो रहा है। भारत में डेटा प्रोटेक्शन बिल पर काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में अपने खाते को लेकर और भी सतर्कता बरतने की जरूरत है।
बैठक में शामिल देशों के प्रतिनिधियों ने साइबर फ्रॉड को बहुत बड़ी समस्या मानते हुए कहा कि इससे डिजिटल अर्थव्यवस्था को कहीं न कहीं नुकसान हो रहा है। सभी ने इससे निपटने के लिए एक साथ आने और साझा रणनीति बनाने की बात कही। लखनऊ में आयोजित हो रही G20 की बैठक को केंद्रीय मंत्री महेन्द्र नाथ पांडे और राजीव चंद्रशेखर ने भी संबोधित किया।