सेवानिवृति के बाद सभी एक सुखद और शांतिमय जीवन जीने की लालसा रखते हैं। लेकिन ताज्जुब की बात यह है कि इसके बाद भी छोटी-छोटी चीजों से कई तरह की जटिलताएं हो जाती हैं और भ्रम हो जाता है।
मिसाल के तौर पर कुछ इसी तरह के उहापोह की स्थिति वरिष्ठ नागरिक की परिभाषा को लेकर है। विभिन्न संगठनों ने इन्हें अपने तरीकेसे परिभाषित किया है। हालांकि आय कर विभाग ऐसे लोगों को वरिष्ठ नागरिकों की श्रेणी में रखता है, जिनकी उम्र 65 साल या उससे अधिक हो चुकी है।
कोई बीमा कंपनी उसे वरिष्ठ नागरिक मानती है जिसकी उम्र 55 वर्ष हो। आप भी हो गए ना भ्रम के शिकार होना भी चाहिए क्योंकि इसका वरिष्ठ नागरिकों की वित्तीय स्थिति से काफी कुच लेना-देना होता है। अगर आप वरिष्ठ नागरिक हैं तो नीचे पांच ऐसी बाते हैं जो आपकी वित्तीय स्थिति को प्रभावित कर सकती हैं।
आयकर
आय कर एक ऐसा क्षेत्र है जहां वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाला फायदा 2.25 लाख रुपये से शुरू होता है यानी की उनकी सालाना आमदनी इतनी होती है तो उन्हें आयकर में रियायत मिलती है। हालांकि इसके लिए उम्र 65 साल होना चाहिए।
सरकार न सिर्फ उनको ज्यादा से ज्यादा रकम रखने की छूट देती है बल्कि करों में राहत के लिए कुछ उपाय भी खोज निकाले हैं। स्वास्थ्य बीमा इसी का एक उदाहरण है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा की पॉलिसियां काफी महंगी होती है और सरकार भी इस बात को स्वीकार करती है।
परिणामस्वरूप वरिष्ठ नागरिकों के लिए बीमा पॉिलिसी की रियायत की राशि 20,000 तक की होती है जो किसी नौजवान आदमी द्वारा भुगतान की जानेवाली राशि से 5,000 रुपए अधिक है। वरिष्ठ नागरिक के रूप में अगर आप ऊंची कर सीमा में आते है तो इसमें भी आपको 1,500 रुपये की कर बचत का फायदा मिलेगा। इसके अलावा आयकर विभाग ने बुनियादी छूट को भी काफी ज्यादा रखा है।
सामान्य आदमी के लिए 1,50,000 रुपये पर कोई कर नहीं लगता है। लेकिन अगर किसी वरिष्ठ नागरिक की आय 2,25,000 रुपए से कम होती है तो उनको कर में छूट का लाभ मिलता है और जाहिर है, इससे उनको 7,500 रुपये की बचत होती है।
यहां तक कि आप किसी वरिष्ठ महिला नगरिक की मिलने वाली छूट की तुलना किसी ऐसी महिला से करते हैं जो इस श्रेणी में नहीं आती है तो भी बुजुर्ग महिला को 4,500 रुपये की कर छूट ज्यादा मिलती है। महिलाओं के लिए छूट की सीमा 1,80,000 रुपये है। लेकिन इससे पहले कि कर के लिहाज से आप वरिष्ठ नागरिक की श्रेणी में आएं, कुछ ऐसे क्षेत्र भी हैं जहां से आप छूट का फायदा उठा सकते हैं।
ट्रेन के यात्री किराए में छूट
भारतीय रेल ने भी वरिष्ठ नागरिकों को कि राए में छूट देने की व्यवस्था की है। कोई भी व्यक्ति जिसकी उम्र 60 साल से अधिक हो चुकी है,उसें इसका लाभ मिलता है। कुल किराए पर पुरुष वरिष्ठ नागरिकों को टिकट पर 30 फीसदी तक की रियायत मिलती है जबकि महिला वरिष्ठ नागरिकों को 50 फीसदी तक की छूट मिलती है।
हालांकि छूट का फायदा दूरी और आप किस दर्जे में सफर कर रहे हैं, इस पर भी निर्भर करता है। रियायत की सीमा कुछ रुपये से लेकर 1,000 रुपए तक हो सकती है। 60 साल की उम्र से पहले तक छूट का कोई प्रावधान नहीं है। हालांकि छूट की राशि बहुत ज्यादा आकर्षक नहीं हो सकती। लेकिन इसका असर आपकी वित्तीय स्थिति पर पड़ता है। इस तरह की रियायत से यात्रा पर होने वाले खर्च में कटौती होती है और आपके बजट का बोझ भी कुछ कम होता है।
बैंक जमाएं
यह एक ऐसा क्षेत्र हैं जहां वरिष्ठ नागरिक अपने निवेश पर ज्यादा रकम पाते हैं। बैंक वरिष्ठ नागरिकों के लिए जमा दर पर अधिक ब्याज देते हैं जो मौजूदा दर से आधे से पौन फीसदी अधिक होती हैं। बैंक एफडी पर ज्यादा ब्याज तभी मिल सकता है जब आपकी न्यूनतम उम्र 60 साल हो।
कोई नौजवान व्यक्ति अगर किसी वरिष्ठ नागरिक के साथ संयुक्त खाता खोलता है तो उसे भी इसका फायदा मिल सकता है लेकिन इसकी लिए जमा राशि वरिष्ठ नागरिक के नाम पर होनी चाहिए। आइए, बैंक द्वारा वरिष्ठ नागरिकों को दिए जाने वाले ऑफर के गणित पर एक नजर डालें।
अगर कोई वरिष्ठ नागरिक तीन वर्ष की अवधि के लिए 50,000 रुपये बैंक में जमा करता है,जिसमें नियमित दर 9 फीसदी हो और वरिष्ठ नागरिकों की श्रेणी में 9.5 फीसदी हो तो तीन साल की मियाद पूरी होने पर वरिष्ठ नगारिक वाली श्रेणी में बुजुर्ग को 965 रुपये ज्यादा मिलेंगे। अगर वे ब्याज की तिमाही भुगतान का विकल्प चुनते हैं तो उस स्थिति में उन्हें 750 रुपये ज्यादा की प्राप्ति होगी।
सरकारी कर्मचारी अगर सेवानिवृति के बाद किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में अपनी रकम जमा करते हैं तो उनको कुछ छूट मिलती है । सरकारी बैंक ऐसे कर्मचारियों को वरिष्ठ नगारिकों की तरह ही छूट देता है बशर्ते वह कर्मचारी सरकार से प्राप्त रकम को तीन महीने के भीतर निवेश कर दे।
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस) पर ब्याज दर 9 फीसदी की होती है। इस योजना में प्रवेश करने की उम्र जमा योजना की तरह ही यानी 60 वर्ष होती है। लेकिन सरकार ने सेवानिवृति पाने वालों को इसमें कुछ छूट दी है। मसलन, अगर सेवानिवृत्त हो रहे व्यक्ति की उम्र 55 साल से अधिक हो चुकी है, तो उसे इस योजना में निवेश करने की छूट होती है।
लेकिन इसके लिए शर्त यह है कि उस कर्मचारी को सरकार से मिली इस रकम को एक महीने के अंदर इसमें निवेश कर देना चाहिए। इस जमा की अवधि 5 सालों तक की होती है।
बीमा
जब बात बीमा, खासकर स्वास्थ्य बीमा की हो तो वरिष्ठ नागरिकों को पर्याप्त सुरक्षा मिलना मुश्किल हो जाती है। कई कंपनियां तो 55 साल से अधिक के व्यक्ति को स्वास्थ्य बीमा सुरक्षा तक उपलब्ध नहीं कराती हैं। अगर कोई कंपनी यह सुविधा देती भी है तो वह ज्यादा प्रीमियम की मांग करती है।
कहने का मतलब सिर्फ इतना है कि दावों का जोखिम उम्र के साथ बढ़ता जाता है। एक सही बीमा कवर पाने के लिए वरिष्ठ नागरिकों को एक से दूसरी कंपनी के बीच दौड़ लगानी पड़ती है। कुछ कंपनियों ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग से पॉलिसियां शुरू की हैं जो 55 साल की अवस्था से शुरू होती है।
