मैक्वेरी (Macquarie ) ने वृद्धि की चिंता का हवाला देते हुए निजी क्षेत्र की तीन बीमा कंपनियों एचडीएफसी लाइफ (HDFC Life), आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ (ICICI Prudential Life ) और एसबीआई लाइफ (SBI Life) को डाउनग्रेड कर आउटपरफॉर्म से न्यूट्रल कर दिया है। इसके साथ ही ब्रोकरेज ने तीनों कंपनियों के शेयर की कीमत का लक्ष्य 15-15 फीसदी से ज्यादा घटा दिया है।
मैक्वेरी कैपिटल के वित्तीय सेवा शोध प्रमुख (Head of Financial Services Research) सुरेश गणपति ने एक नोट में कहा है, अब हम वित्त वर्ष 23-26ई में नए कारोबार की वैल्यू (VNV) 9 से 15 फीसदी सालाना चक्रवृद्धि से बढ़ने को भविष्यवाणी कर रहे हैं, जो वित्त वर्ष 22-25ई में 16 से 22 फीसदी रहने की संभावना थी। अल्पावधि के लिहाज से उत्प्रेरक नहीं दिख रहे। जब तक कि वृद्धि ठीक-ठाक रफ्तार नहीं पकड़ती, क्षेत्र का प्रदर्शन पिछड़ेगा। मूल्यांकन का सहारा सीमित गिरावट बताता है।
तीनों कंपनियों के शेयर शुक्रवार को टूटे और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ सबसे ज्यादा 3.5 फीसदी टूटकर 495 रुपये पर टिका।
उन्होंने कहा, पिछले पांच वर्षों (वित्त वर्ष 18-23) में निजी क्षेत्र के VNV की सालाना चक्रवृद्धि रफ्तार 17 से 30 फीसदी रही है, जिसे मोटे तौर पर मार्जिन के रिकॉर्ड स्तर से सहारा मिला है और बड़ी कंपनियों के मामले में यह करीब 30 फीसदी रहा है जबकि पांच साल पहले 20 फीसदी से नीचे था। हमारा मानना है कि मार्जिन कमोबेश सर्वोच्च स्तर पर पहुंच चुका है और मुझे नहीं लगता कि यह इस चक्र में VNV में बढ़त को सहारा मिलेगा। इसके अतिरिक्त, हालिया कर बदलाव के चलते वृद्धि पर असर पड़ेगा।
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इस साल के आम बजट में उच्च कीमत वाली जीवन बीमा पॉलिसियों से मिलने वाली रकम पर आयकर छूट सीमित कर दी गई है। इसके तहत 5 लाख रुपये प्रीमियम वाली जीवन बीमा पॉलिसी से मिलने वाली आय को ही कराधान से छूट मिलेगी।
पिछले एक साल में बीमा शेयरों ने बेंचमार्क निफ्टी से करीब 13 फीसदी कमजोर प्रदर्शन किया है। इसके परिणामस्वरूप इस क्षेत्र की कंपनियों का मूल्यांकन एतिहासिक औसत से कम है। हालांकि मैक्वेरी का मानना है कि इन स्तरों पर बेहतर मूल्यांकन की खातिर नए कारोबार की रफ्तार 20 फीसदी से ज्यादा होनी चाहिए।