भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ व्यापार करने वाले बैंकों से कहा है कि वे अपने व्यापारिक भुगतान का कम से कम कुछ हिस्सा सीधे रुपये और दिरहम में करें। यह खबर बैंकों के पांच सूत्रों के हवाले से आई है। सूत्रों के अनुसार, आरबीआई ने बैंकों को कोई निश्चित लक्ष्य नहीं दिया है, लेकिन उनसे इस तरह के भुगतान की जानकारी नियमित रूप से देने को कहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संयुक्त अरब अमीरात (UAE) यात्रा के बाद 2023 में बैंकों को ऐसे भुगतान आसान बनाने के लिए कहा गया था। अब इस सलाह पर अमल करने का वक्त आ गया है। यह कदम रुपये में व्यापारिक सेटलमेंट बढ़ाने और डॉलर पर निर्भरता कम करने के भारत के प्रयास का हिस्सा है। यह एक ऐसा महत्वाकांक्षी लक्ष्य जिसे अधिकांश देशों ने हासिल नहीं किया है। बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के अनुसार, विश्व व्यापार का लगभग आधा हिस्सा डॉलर में होता है।
इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक ने रूस के साथ लोकल करेंसी में व्यापार बढ़ाने के लिए एक व्यवस्था बनाने की चर्चा फिर से शुरू की है। पिछले साल रॉयटर्स ने बताया था कि भारतीय रिफाइनरियों ने दुबई स्थित व्यापारियों के माध्यम से खरीदे गये अधिकांश रूसी तेल का भुगतान डॉलर की बजाय दिरहम में करना शुरू कर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक, रुपये-दिरहम बाजार को मजबूत करने के लिए, आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिया है कि यूएई को भुगतान करते समय, वे पहले किसी अन्य बैंक से दिरहम प्राप्त करने का प्रयास करें। ऐसा करने से बैंक, रुपये को डॉलर में बदलने की प्रक्रिया से बचेंगे और सीधे रुपये-दिरहम की दर पर लेनदेन कर पाएंगे।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जिसका सालाना व्यापार मार्च 2023-24 में करीब 83 अरब डॉलर रहा। इसमें भारत द्वारा 17 अरब डॉलर से ज्यादा का तेल और संबंधित सामान का आयात शामिल है। भारत का यूएई के साथ 2023-24 में 12.4 अरब डॉलर का व्यापार घाटा रहा। जब हम अपने व्यापारिक भागीदारों के साथ स्थानीय मुद्राओं में लेन-देन करेंगे, तो हमें डॉलर में भुगतान करने की जरूरत नहीं होगी। इससे हमारे देश से डॉलर बाहर नहीं जाएंगे, खासकर तब जब हम दूसरे देशों से ज्यादा सामान खरीद रहे हों।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों को यह नहीं कहा है कि वे सभी दिरहम के भुगतान सिर्फ एक ही तरीके से करें। बल्कि, आरबीआई चाहता है कि भारतीय रुपये और यूएई दिरहम के बीच व्यापार बढ़े, ताकि दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध मजबूत हों।
सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय बैंक के निर्देश के बाद, अब बैंक शायद दूसरे बैंकों से दिरहम लेने की कोशिश करेंगे, न कि सीधे डॉलर में बदलने की। हालांकि बैंक और ग्राहक इस नई व्यवस्था को अपनाने के लिए तैयार दिख रहे हैं, लेकिन एक वरिष्ठ बैंकर ने बताया कि यह अभी शुरुआती फेज में है। (रॉयटर्स के इनपुट के साथ)