वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव एम नागराजू ने मंगलवार को ऋण वसूली अपीलीय न्यायाधिकरणों (डीआरएटी) के चेयरपर्सन और ऋण वसूली न्यायाधिकरणों (डीआरटी) के पीठासीन अधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि विभाग ने न्यायाधिकरणों की प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने के कई कदम उठाए हैं। इनमें डिजिटलीकरण को व्यापक बनाने के लिए अनिवार्य ई-फाइलिंग को अपनाना, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का उपयोग, हाइब्रिड सुनवाई आदि जैसी प्रमुख पहल शामिल हैं।
इस बैठक में डीएफएस के वरिष्ठ अधिकारियों, सार्वजनिक व निजी क्षे्र के विभि्न बैंकों के प्रतिनिधियों और इंडियन बैंक्स एसोसिएशन ने हिस्सा लिया।
वित्त मंत्रालय के बयान के मुताबिक इसमें रिकवरी बढ़ाने के लिए बैंकों की निगरानी व पर्यवेक्षण की व्यवस्था को मजबूत करने, मोटे ऋण पर ज्यादा नजर रखने और उनकी अधिकतम वसूली और वैकल्पिक समाधान के तहत लोक अदालतों के इस्तेमाल में सुधार जैसे विषयों पर चर्चा हुई। इसमें हिस्सा लेने वालों ने डीआरटी में मामलों के निपटाने की दर में आगे और सुधार के लिए प्रक्रिया में सुधार की जरूरत पर भी चर्चा की।
वित्त मंत्रालय के बयान में कहा गया है, ‘इन कानूनों का असर और बढ़ाने के लिए ऋणों की वसूली और दिवाला अधिनियम, 1993 और वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण और सुरक्षा हित अधिनियम, 2002 में संशोधन के संबंध में सुझावों पर चर्चा की गई।’