भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने शुक्रवार को आचरण से जुड़े नियमों (2025) का मसौदा जारी किया। इसमें कहा गया है कि सीसीआई के कर्मचारी और उनके आश्रित बच्चे कमोडिटी डेरिवेटिव, इक्विटी और इक्विटी से जुड़ी योजनाओं में नहीं कर सकेंगे। आयोग ने कहा है कि मसौदा नियमों का मकसद आयोग में सतर्कता से जुड़े प्रशासन के संचालन ढांचे को मजबूत करना, गोपनीयता सुनिश्चित करना और कर्मचारियों के बीच नैतिकता के उच्च मानक स्थापित करना है।
मसौदे में कहा गया है कि कोई भी कर्मचारी कमोडिटी डेरिवेटिव, इक्विटी और इक्विटी से जुड़ी योजनाओं, परिवर्तनीय ऋणपत्रों व वॉरंटों में सीधे या परोक्ष रूप से निवेश नहीं करेगा। इसमें म्युचुअल फंडों के यूनिट, गैर-परिवर्तनीय बॉन्ड और गैर-परिवर्तनीय ऋणपत्र, आरंभिक सार्वजनिक पेशकश और उनके द्वारा पहले से निवेशित शेयरों के राइट्स इश्यू शामिल नहीं हैं।
ये प्रतिबंध कर्मचारी से प्राप्त धनराशि में से कर्मचारी के पति/पत्नी, आश्रित बच्चों, आश्रित माता-पिता और आश्रित सास-ससुर द्वारा किए गए निवेश पर भी लागू होंगे। विशेषज्ञों के अनुसार अधिकांश नियामक अपने कर्मचारियों को निवेश की अनुमति देते हैं, लेकिन यह सुनिश्चित करते हैं कि वे इसके संबंध में जरूरी खुलासा करें। आयोग का प्रस्ताव है कि हर कर्मचारी सीसीआई के मामलों के संबंध में सख्त गोपनीयता बनाए रखेगा और आयोग के कामकाज से संबंधित गोपनीय प्रकृति की कोई भी जानकारी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से किसी को नहीं देगा।
सीसीआई ने कहा, प्रतिस्पर्धा आयोग में काम की प्रकृति वाणिज्यिक रूप से संवेदनशील होती है। आयोग में काम करने वाले अधिकारी विभिन्न पक्षों से प्राप्त गोपनीय और वाणिज्यिक रूप से संवेदनशील सूचनाओं को देखते हैं जिसके लिए गोपनीयता के उच्च स्तर की जरूरत होती है। प्रतिस्पर्धा नियामक ने हितधारकों को 6 अप्रैल, 2025 को समाप्त 30 दिनों के भीतर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (आचरण) नियम, 2025 के मसौदे पर लिखित टिप्पणियां मांगी है।