कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने क्षेत्रीय और जोनल कार्यालयों को एक नया निर्देश जारी किया है। अब अंतिम भविष्य निधि (PF) सेटलमेंट के दौरान कुछ खास मामलों में पूरी क्लेम को रिजेक्ट करने के बजाय आंशिक भुगतान (पार्ट पेमेंट) करने को कहा गया है। यह फैसला उन मामलों में लागू होगा जहां नियोक्ता (एम्प्लॉयर) ने कुछ समय के लिए अपने हिस्से का योगदान जमा नहीं किया हो। इस कदम का मकसद कर्मचारियों को आर्थिक परेशानी से बचाना है।
केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त (CPFC) ने शुक्रवार को एक पत्र जारी कर सभी कार्यालयों को यह निर्देश दिया। पत्र में कहा गया कि कई बार पीएफ सेटलमेंट क्लेम को छोटी-छोटी वजहों से रिजेक्ट कर दिया जाता है, जैसे पुराने PF खातों का ट्रांसफर न होना। इससे कर्मचारियों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है। EPFO ने साफ किया कि ऐसे मामलों में क्लेम को पूरी तरह खारिज करने के बजाय, खाते में उपलब्ध पैसे का पार्ट पेमेंट करना चाहिए।
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EPFO के लेखा प्रक्रिया मैनुअल (MAP) के पैरा 10.11 में पार्ट पेमेंट के नियम बताए गए हैं। इसके तहत पांच खास वजहों से पार्ट पेमेंट किया जा सकता है। इनमें डिफॉल्ट करने वाली कंपनियों के मामले, फॉर्म 3A न मिलना, पुरानी जमा राशि पूरी तरह न मिलना, पिछली कंपनी से PF ट्रांसफर न होना, या फिर योग्य व्यक्ति द्वारा पूरी राशि का दावा न करना शामिल है।
पत्र में यह भी कहा गया कि सभी पार्ट पेमेंट के मामलों को एक रजिस्टर में दर्ज करना होगा। इस रजिस्टर की हर महीने समीक्षा होगी। अगर बाद में और राशि उपलब्ध होती है, तो कर्मचारी को नया क्लेम डालने की जरूरत नहीं होगी। कार्यालय को खुद ही बाकी भुगतान करना होगा।
हाल ही में EPFO ने कई सुधार किए हैं। अब कर्मचारी एक ही लॉगिन से सभी जरूरी सेवाओं और अपने PF खाते की जानकारी देख सकते हैं। इसके अलावा, क्लेम सेटलमेंट की प्रक्रिया को तेज करने के लिए मंजूरी के स्तरों को भी कम किया गया है। ये कदम कर्मचारियों की सुविधा और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए उठाए गए हैं।