अमेरिकी सरकार के एच-1बी वीजा आवेदनों पर शुल्क में तीव्र बढ़ोतरी के ऐलान के कारण भारतीय आईटी शेयरों में करीब छह महीने की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज हुई। निफ्टी आईटी सूचकांक 2.95 फीसदी की गिरावट के साथ 25,550 पर बंद हुआ जो 3 अप्रैल के बाद की इसमें सबसे बड़ी गिरावट है। इसके 10 में से 9 शेयरों में नरमी आई और बाजार पूंजीकरण कुल 85,496 करोड़ रुपये घट गया।
निफ्टी में एम्फैसिस (4.7 फीसदी), एलटीआईमाइंडट्री (4.5 फीसदी) और कोफोर्ज (4.5 फीसदी) सबसे ज्यादा गिरावट वाले आईटी शेयर रहे। इन्फोसिस 2.6 फीसदी और टीसीएस 3 फीसदी की गिरावट के साथ सेंसेक्स के सबसे ज्यादा गिरावट वाले शेयर रहे और अन्य आईटी शेयरों के साथ-साथ सूचकांक की गिरावट में उनका आधे से ज्यादा हाथ रहा। पिछले साल स्वीकृत एच-1बी वीजा लाभार्थियों में सबसे ज्यादा भारतीय थे और भारत का आईटी क्षेत्र लंबे समय से विस्तार के लिए इस कार्यक्रम पर निर्भर रहा है।
हालांकि बढ़ते स्थानीयकरण आदि के बीच हाल के वर्षों में भारतीय आईटी कंपनियों को नए एच-1बी वीजा के लिए स्वीकृति पहले ही कम हो गई है। नोमूरा ने एक नोट में कहा, इससे हमारे कवरेज क्षेत्र में कुछ कंपनियों के एबिटा मार्जिन में 11-99 आधार अंक और ईपीएस में 0.5-6 फीसदी की गिरावट आ सकती है बशर्ते वे अपने परिचालन मॉडल में कोई बदलाव न करें।