ऐक्सिस म्युचुअल फंड के पूर्व प्रमुख डीलर वीरेश जोशी की अपील पर प्रतिभूति अपील पंचाट (सैट) ने बाजार नियामक सेबी को आदेश दिया है कि वह याची के साथ अतिरिक्त दस्तावेज साझा करे, जिनकी मांग फ्रंट-रनिंग मामले में याची ने की थी। 18 सितंबर के अपने आदेश में पीठासीन अधिकारी न्यायमूर्ति पीएस दिनेश कुमार की अगुआई वाले पीठ ने सेबी के 23 अक्टूबर 2023 के उस पत्र को रद्द कर दिया, जिसमें जांच सामग्री दिए जाने का जोशी का अनुरोध खारिज कर दिया गया था। सैट ने कहा कि नोटिस पाने वाला अपने बचाव के लिए आवश्यक सभी दस्तावेज पाने का हकदार है।
सेबी ने फरवरी 2023 में जोशी और 19 अन्य के खिलाफ एक अंतरिम आदेश और कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसमें 25 ब्रोकरों के माध्यम से एक बड़े क्लाइंट की ओर से किए गए बड़े सौदे से पहले कथित तौर पर लेन-देन करने का आरोप लगाया गया था। नियामक ने 30.55 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जब्त कर ली थी और नोटिस पाने वालों को प्रतिभूति बाजार में प्रवेश करने से रोक दिया था।
जोशी ने सैट के समक्ष अपनी अपील में तर्क दिया कि सेबी ने महत्त्वपूर्ण साक्ष्यों को रोक रखा है, जिनमें डिजिटल डेटा, गवाहों के बयान, ट्रेड लॉग और कॉल रिकॉर्ड शामिल हैं, जो आरोपों पर उनकाजवाब तैयार करने के लिए आवश्यक थे। इस बीच, सेबी का कहना है कि सभी प्रासंगिक सामग्री पहले ही उपलब्ध करा दी गई है या उसका निरीक्षण किया जा चुका है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधिकरण ने माना कि जोशी कई दस्तावेज पाने के हकदार हैं, जिन्हें सेबी ने देने से मना कर दिया था।
ब्लूमबर्ग चैट के लिए धारा 65बी प्रमाणपत्र सहित कुछ अन्य मदों पर न्यायाधिकरण ने हस्तक्षेप से इनकार कर दिया और कहा कि साक्ष्य की स्वीकार्यता बाद में निर्धारित की जाएगी। सैट ने आदेश में कहा, प्रतिभूतियों के सौदों के मामले के दौरान यह पहलू महत्त्वपूर्ण है कि अपीलकर्ता की डिवाइस एएमसी की कस्टडी में थे या नहीं। इसलिए, अपीलकर्ता एएमसी द्वारा रखे जाने वाले दैनिक रजिस्टर की एक प्रति पाने का हकदार होगा। हम सेबी को इसे उपलब्ध कराने का निर्देश देते हैं।