देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) पर इन दिनों धन की वर्षा हो रही है। दिलचस्प बात यह हैं कि बिना मांगे ही सरकार ने SBI को 8,800 करोड़ रुपये का फंड दे दिया। सोमवार को संसद में पेश की गई CAG की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। CAG की रिपोर्ट के अनुसार देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक SBI को क्रेडिट ग्रोथ के लिए डिपार्टमेंट ऑफ फाइनैंशियल सर्विसेज (DFS) ने यह फंड दिया था।
संसद में पेश की गई CAG की रिपोर्ट के अनुसार डिपार्टमेंट ऑफ फाइनैंशियल सर्विसेज (DFS) ने बैंक को यह पैसा बैंक रीकैपिटलाइजेशन के लिए दिया था। DFS ने यह रकम वित्त वर्ष 2017-18 के लिए दी थी। आपको बता दें कि DFS वित्त मंत्रालय के अधीन काम करती है।
CAG की रिपोर्ट से इस बात का भी खुलासा हुआ कि DFS ने अपने मानकों का पालन किए बगैर ही SBI को फंड जारी किया था। DFS के नियम के अनुसार फंड जारी करने के लिए वह पूंजी की आवश्यकताओं का एसेसमेंट करती है। हालांकि SBI को फंड जारी करते समय DFS ने इस प्रकार को कोई एसेसमेंट नहीं किया था।
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सरकार समय-समय पर सरकारी बैंको को उनकी नियामकीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, विलय के कराण पूंजी की जरूरतों और RBI के PCA फ्रेमवर्क से बाहर आने के लिए पैसा देती है। हालांकि यह पैसा एसेसमेंट के बाद ही जारी किया जाता है।