बॉन्डों के माध्यम से बैंकों की उधारी इस वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2025) में 1.2 से 1.3 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने नकदी की तंग स्थिति और जमा की तुलना में कर्ज में वृद्धि की तेज रफ्तार को देखते हुए यह अनुमान लगाया है।
वित्त वर्ष 2025 के दौरान बॉन्ड इश्युएंस वित्त वर्ष 2023 के 1.1 लाख करोड़ रुपये के शीर्ष स्तर के ऊपर पहुंच सकता है। वित्त वर्ष 2024 में बैंकों ने 1 लाख करोड़ रुपये के बॉन्ड जारी किए थे। वित्त वर्ष 2025 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की इन बॉन्ड इश्युएंस में हिस्सेदारी 82 से 85 प्रतिशत हो सकती है।