चालू वित्त वर्ष के पहले 6 महीने के दौरान शीर्ष 10 राज्यों में कर हस्तांतरण के हिसाब से पूंजीगत व्यय में व्यापक अंतर रहा है। उदाहरण के लिए पिछले साल की समान अवधि की तुलना में ओडिशा में जहां पूंजीगत व्यय महज 12.58 प्रतिशत बढ़ा है, उत्तर प्रदेश में 563 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पिछले साल का आधार कम था, इसलिए वृद्धि असामान्य रूप से ज्यादा है। इसके बावजूद आंध्र प्रदेश में पूंजीगत व्यय में 30 प्रतिशत की गिरावट आई है। पूंजीगत व्यय की वास्तविक स्थिति देखने के लिए कोविड के पहले के वित्त वर्ष 2019-20 की पहली छमाही से तुलना करना उचित होगा। इससे भी तुलना करें तो विभिन्न राज्यों के पूंजीगत व्यय में वृद्धि में 16.69 प्रतिशत से लेकर 202.29 प्रतिशत का भारी अंतर है। बिहार में सबसे ज्यादा वृद्धि दर्ज की गई है, लेकिन आंकड़े शुरुआती 5 महीने के हैं क्योंकि वित्त वर्ष 2019-20 के सितंबर महीने के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। पश्चिम बंगाल के आंकड़े भी अगस्त तक के ही उपलब्ध हैं, जिसके पूंजीगत व्यय में कमी आई है, जबकि महाराष्ट्र में वित्त वर्ष 22 की पहली छमाही में पूंजीगत व्यय में कोविड के पहले की समान अवधि की तुलना में गिरावट आई है। वित्त मंत्रालय इस महीने राज्यों को कर हस्तांतरण की राशि दोगुना करेगा, जिससे वे ज्यादा पूंजीगत व्यय कर सकें । इन 10 राज्यों का उस कर हस्तांतरण में 72 प्रतिशत हिस्सा होगा।
