वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई दर अगस्त में बढ़कर 0.52 फीसदी हो गई। जुलाई में यह -0.58 फीसदी थी। अगस्त में महंगाई बढ़ने की वजह खाने-पीने के उत्पादों, विनिर्माण वस्तुओं, गैर-खाद्य पदार्थों, गैर-धातु खनिज उत्पादों और परिवहन उपकरणों की कीमतों में बढ़ोतरी रही।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ”अगस्त 2025 में मुद्रास्फीति की सकारात्मक दर मुख्य रूप से खाद्य उत्पादों, गैर-खाद्य पदार्थों, विनिर्माण क्षेत्र, गैर-धात्विक (नॉन मेटल) खनिज उत्पादों और परिवहन उपकरणों की कीमतों में वृद्धि के चलते हुई।”
प्राथमिक वस्तुओं का सूचकांक अगस्त 2025 में 1.60 फीसदी बढ़कर 191.0 पर पहुंच गया, जो जुलाई में 188.0 था। इस दौरान गैर-खाद्य पदार्थों की कीमतें 2.92 फीसदी, खनिजों की कीमतें 2.66 फीसदी और खाद्य पदार्थों की कीमतें 1.45 फीसदी बढ़ीं। हालांकि कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की महंगाई दर अगस्त में 0.43 फीसदी रही।
ईंधन और बिजली की महंगाई दर अगस्त में 0.69 फीसदी घटकर 143.6 रही, जो जुलाई में 144.6 थी। बिजली और खनिज तेलों की कीमतें क्रमशः -2.91 फीसदी और -0.07 फीसदी पर नकारात्मक रहीं। वहीं, कोयले की कीमतें जुलाई के मुकाबले स्थिर रहीं।
WPI बास्केट का सबसे बड़ा हिस्सा विनिर्मित उत्पादों का है। अगस्त में इनकी कीमतें जुलाई के मुकाबले 0.21 फीसदी बढ़ीं। खाद्य उत्पादों, वस्त्रों, विद्युत उपकरणों, अन्य परिवहन उपकरणों और मशीनरी की कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई।
वहीं, बेसिक मेटल, कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक और ऑप्टिकल प्रोडक्ट्स, परिधान, लकड़ी और उससे बने उत्पादों तथा फर्नीचर की कीमतें इस दौरान घट गईं।
इसी बीच, खुदरा महंगाई दर (CPI) भी अगस्त में बढ़कर 2.07 फीसदी पर पहुंच गई, जो जुलाई में 1.61 फीसदी थी। यह आंकड़ा सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने शुक्रवार को जारी किया।