स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और सात अन्य प्राइवेट बैंक Yes Bank में अपनी हिस्सेदारी बेचकर 13,483 करोड़ रुपये का टैक्स-फ्री लाभ हासिल करने वाले हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये शेयर जापान की Sumitomo Mitsui Banking Corp (SMBC) को बेचे जाएंगे और डील सितंबर क्वार्टर में पूरी होने की संभावना है। यह भारत के वित्तीय क्षेत्र की अब तक की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय मर्जर और एक्विजिशन डील होगी।
द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, SMBC इस डील के जरिए Yes Bank में 20% हिस्सेदारी खरीदेगा। इसके अलावा, SMBC बैंक में अतिरिक्त ₹16,000 करोड़ ($1.83 बिलियन) का निवेश भी करने की योजना बना रहा है, जिससे बैंक की बैलेंस शीट मजबूत होगी और SMBC की हिस्सेदारी और बढ़ सकती है।
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डील से आने वाली रकम बैंक की ‘अन्य आय’ (Other Income) में दर्ज की जाएगी। Yes Bank Reconstruction Scheme, 2020 में एक क्लॉज़ है, जिसके तहत उन बैंकों को पूंजीगत लाभ कर नहीं देना होगा, जिन्होंने री-कंस्ट्रक्शन में निवेश किया था। इस छूट के बिना बैंकों को 12.5% टैक्स देना पड़ता।
SBI अपनी कुल 24% हिस्सेदारी में से 13.19% बेचकर ₹8,889 करोड़ कमाएगा। वहीं, HDFC Bank, ICICI Bank, Axis Bank और Kotak Mahindra Bank समेत सात प्राइवेट बैंक 6.81% हिस्सेदारी ₹4,594 करोड़ में बेचेंगे। इन बैंकों ने पहले शेयर ₹10 प्रति शेयर के हिसाब से खरीदे थे और अब ₹21.50 प्रति शेयर में बेच रहे हैं।
डील की टाइमलाइन कुछ इस प्रकार है: मई में SMBC ने खरीद का प्रस्ताव दिया, अगस्त में RBI ने हिस्सेदारी बढ़ाने की मंजूरी दी और सितंबर की शुरुआत में CCI ने हरी झंडी दिखाई। पिछले हफ्ते RBI ने बैंक के नियमों में बदलाव भी मंजूर किए। जब यह डील पूरी हो जाएगी, उसके बाद SMBC दो डायरेक्टर और SBI एक डायरेक्टर बोर्ड में नियुक्त कर सकेगा