इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर के आयात पर 1 नवंबर से ऑनलाइन निगरानी शुरू होने के बाद लैपटॉप और टैबलेट का आयात घट गया है। नवंबर में लैपटॉप और टैबलेट का आयात 17 फीसदी घटकर 22.5 करोड़ डॉलर रह गया, जो 9 महीने में सबसे कम आंकड़ा था।
वाणिज्य विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार चीन से आयात में 14 फीसदी, सिंगापुर से 43.7 फीसदी और हॉन्ग कॉन्ग से होने वाले आयात में 27.4 फीसदी गिरावट आई है। देश में आयात होने वाले कुल इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर में चीन की हिस्सेदारी करीब 83 फीसदी है।
पर्सनल कंप्यूटर के अलावा निगरानी प्रणाली की सूची में शामिल डेटा प्रोसेसिंग यूनिट या सर्वर जैसे अन्य प्रमुख उत्पादों का आयात भी नवंबर में 31.8 फीसदी घटकर 14.02 करोड़ डॉलर रह गया। चीन से ऐसे उत्पादों के आयात में 8.8 फीसदी की गिरावट आई है और अमेरिका से आयात 3.6 फीसदी घटा है।
पिछले साल 3 अगस्त को केंद्र सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी हार्डवेयर सेगमेंट में लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर, अल्ट्रा-स्मॉल फैक्टर कंप्यूटर तथा सर्वर जैसे उत्पादों को ‘प्रतिबंधित’ श्रेणी के अंतर्गत लाने की योजना का ऐलान किया था। इस घोषणा के बाद लाइसेंस रखने की जरूरत के डर से सिंतबर में लैपटॉप और टैबलेट का आयात 41. फीसदी और अक्टूबर में 29.7 फीसदी बढ़ गया था।
मगर उद्योग द्वारा इस निर्णय पर गंभीर चिंता जताए जाने के बाद सरकार ने इसे 1 नवंबर तक के लिए टाल दिया था। सरकार का मकसद इस योजना के जरिये चीन से आयात की निर्भरता कम करना तथा भरोसेमंद आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करना था।
बाद में सरकार ने अपने रुख को थोड़ा नरम करते हुए स्पष्ट किया कि वह किसी भी देश से इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के आयात पर पाबंदी नहीं लगाएगी बल्कि नई मानवरहित आयात प्रमाणन व्यवस्था लागू करेगी।
आयात निगरानी तंत्र होने से सरकार अब विभिन्न स्रोतों से देश में आने वाले विशिष्ट उत्पादों का आंकड़ा जुटाने में सक्षम है। विश्व व्यापार संगठन में भारत के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों ने ऑनलाइन निगरानी तंत्र पर चिंता जाहिर की थी।
अमेरिका की व्यापार मंत्री कैथरीन तई ने पिछले हफ्ते भारत-अमेरिका व्यापार नीति मंच (टीपीएफ) की बैठक के दौरान भी यह मुद्दा उठाया था।
तई वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के साथ इस बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं। उन्होंने व्यापार में बाधा दूर करने के लिए आयात प्रबंधन प्रणाली को सुविधाजनक तरीके से लागू करने के लिए भारत की सराहना की। इसके साथ ही उन्होंने भारत से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि एंड-टु-एंड ऑनलाइन निगरानी प्रणाली और संबंधित नीतियां आगे चलकर व्यापार के लिए बाधा न बने।
तई ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने भारत के सामने इस बात पर जोर दिया कि संबंधित हितधारकों को लैपटॉप, टैबलेट तथा चुनिंदा आईटी हार्डवेयर के लिए लागू की गई आयात निगरानी प्रणाली की योजना के बारे में पूरी जानकारी देना बहुत जरूरी है। भारत पहले ही बता चुका है कि यह व्यवस्था सितंबर 2024 तक के लिए लागू की गई है।