देश की सबसे बड़ी एग्रोकेमिकल कंपनी यूपीएल ने सितंबर तिमाही में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया। दूसरी तिमाही के मजबूत आंकड़े, ऋण की स्थिर स्थिति और कंपनी के इस क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीदों से शुक्रवार को कंपनी का शेयर 1.7 फीसदी बढ़ गया। पिछले एक साल में कंपनी के शेयर की कीमत में 36.5 फीसदी की वृद्धि हुई है जबकि इस दौरान निफ्टी 200 में 4.3 फीसदी का ही इजाफा हुआ है। 7 फीसदी की बिक्री वृद्धि के साथ कंपनी की बिक्री एक साल पहले के मुकाबले 8.4 फीसदी बढ़कर 12,019 करोड़ रुपये रही। हालांकि, कुछ लाभ विदेशी मुद्रा से संबंधित रहे, लेकिन कुल मिलाकर कम प्राप्तियों के बावजूद वृद्धि हुई।
उत्तर अमेरिका और लैटिन अमेरिका के बाजारों से वृद्धि को बल मिला। इनमें क्रमशः 63 फीसदी और 13 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई। उत्तर अमेरिकी बाजारों में वृद्धि का नेतृत्व मेट्रिब्यूजिन, मेटोलाक्लोर और ग्लूफोसिनेट जैसे प्रमुख मॉलीक्यूल ने किया और इनकी बिक्री मजबूत रही।
लैटिन अमेरिका प्रदर्शन ब्राजील (मैन्कोजेब और हर्बिसाइड पोर्टफोलियो) और अर्जेंटीना में हर्बिसाइड की अधिक मांग के साथ-साथ मक्का, सूरजमुखी की मांग में आए आंशिक सुधारों के बल पर हुआ। यूरोप में फंगीसाइड (मैन्कोजेब) की बिक्री सामान्य होने से बिक्री में गिरावट आई। दुनिया के अन्य हिस्सों के कारोबार में 6 फीसदी की कमी दर्ज की गई। भारत में एक साल पहले के मुकाबले राजस्व में 6 फीसदी का इजाफा हुआ। इसे मक्का बीज पोर्टफोलियो से बल मिला, जिसकी आंशिक भरपाई कमजोर फसल सुरक्षा श्रेणी से हुई।
एडवांटा के अंतर्गत आने वाले कंपनी के बीज कारोबार का राजस्व 26 फीसदी बढ़ा। इसे मक्का (भारत, अर्जेंटीना, अन्य लैटिन अमेरिकी देशों, इंडोनेशिया) और सूरजमुखी (अर्जेंटीना) की मजबूत मांग से बल मिला।
कंपनी के कटाई के बाद वाले कारोबार डेको ने भी सितंबर तिमाही और वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही में बेहतर प्रदर्शन किया है। कंपनी का परिचालन प्रदर्शन अच्छा रहा और सकल मार्जिन 464 आधार अंक बढ़कर 52.1 फीसदी हो गया। इसका प्रमुख कारण अनुकूल उत्पाद मिश्रण और कम लागत वाली इन्वेंट्री से होने वाला लाभ था।
परिचालन लाभ मार्जिन भी सालाना आधार पर 414 आधार अंक बढ़कर 18.3 फीसदी हो गया। यह एडवांटा में उच्च सकल मार्जिन, बिक्री आधारित मार्जिन में सुधार और विशेष रसायन श्रेणी में बेहतर मिश्रणके कारण रहा।