बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में जीएसटी पर छह सदस्यीय मंत्रियों का समूह (जीओएम) गोवा में मंगलवार और बुधवार को बैठक करेगा। सूत्रों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि इस बैठक में उर्वरक, हथकरघा उत्पादों और वस्त्र सहित 100 से अधिक उत्पादों की कर दरों पर विचार-विमर्श होगा।
इस समूह की सिफारिशें उस रिपोर्ट का आधार बनेंगी जो नवंबर में जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक में पेश की जाएगी। रियल एस्टेट पर होने वाली चर्चा में एक मुआवजा योजना भी शामिल होगी जिसका क्षेत्र पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है। इस मामले से सीधे तौर पर जुड़े एक सूत्र के मुताबिक, ‘इस बैठक में 90-100 उत्पादों की दर को तार्किक बनाने के असर की समीक्षा किए जाने की उम्मीद है।
इनमें रियल एस्टेट और दरों का आकलन शामिल होगा।’ इस समूह में उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, राजस्थान के स्वास्थ्य सेवाओं के मंत्री गजेंद्र सिंह और केरल के वित्त मंत्री के. एन. बालागोपाल शामिल हैं।
फिलहाल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का चार स्तरीय ढांचा 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी का है। आवश्यक वस्तुओं को या तो छूट प्राप्त है या उन पर कर निचले स्तर पर है। हालांकि लक्जरी और तलब वाली वस्तुओं पर उच्च दर लगती है। लक्जरी और तलब वाली वस्तुओं पर सर्वाधिक 28 फीसदी कर और साथ ही इन पर अतिरिक्त उपकर लगता है।
डेलॉयट इंडिया के साझेदार हरप्रीत सिंह ने कहा, ‘सामाजिक आर्थिक कारकों के महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करने के कारण मंत्री समूह के लिए जीएसटी की दरों को तार्किक बनाना आसान कार्य नहीं है। हालांकि चुनिंदा उत्पादों की दरों में बदलाव हो सकता है। प्रमुख सुधार जैसे कि 12 फीसदी और 18 फीसदी या 12 फीसदी और 5 फीसदी के विलय में समय लग सकता है।’रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं की सूची में बदलाव करना चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।