वित्त मंत्रालय को अनिश्चित वैश्विक माहौल के बीच चालू वित्त वर्ष के लिए मजबूत वृद्धि की उम्मीद बनी हुई है। मंत्रालय का मानना है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में सुधार, अनुकूल मॉनसून, मुद्रास्फीति में नरमी और मौद्रिक नीतियों में नरमी से मांग को बढ़ावा मिलेगा जिससे वृद्धि की संभावना मजबूत बनी हुई है।
सितंबर महीने के लिए जारी नवीनतम मासिक आर्थिक समीक्षा में वित्त मंत्रालय ने वैश्विक अनिश्चितताओं के बारे में आगाह किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक अनिश्चितता की वजह से बाह्य मांग पर असर पड़ता रहेगा, जिससे वृद्धि की संभावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने का जोखिम हो सकता है।
वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग की समीक्षा में कहा गया है, ‘जीएसटी 2.0 सहित विभिन्न संरचनात्मक सुधारों और सरकारी पहल के कार्यान्वयन से इन बाहरी चुनौतियों के कुछ नकारात्मक प्रभावों को कम करने की उम्मीद है।’
रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था ने गति पकड़ी है और वृद्धि की रफ्तार आगामी महीनों में भी जारी रहेगी। मंत्रालय ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में स्थिर वृद्धि के रुझान दिखाई दे रहे हैं। समीक्षा में कहा गया है, ‘वैश्विक अर्थव्यवस्था एवं व्यापार में अनिश्चितता के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में गति पकड़ी है। यह इसलिए और महत्त्वपूर्ण है क्योंकि अगस्त में अमेरिका ने भारत पर उच्च शुल्क लगाए थे।’
अनुमानों को पीछे छोड़ते हुए भारत की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 5 तिमाहियों में सबसे अधिक 7.8 फीसदी रही थी। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने 14 अक्टूबर को वित्त वर्ष 2026 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि का अनुमान 20 आधार अंक बढ़ाकर 6.6 फीसदी कर दिया था। विश्व बैंक ने भी वित्त वर्ष 2026 के लिए भारत के जीडीपी वृद्धि अनुमान को जून के 6.3 फीसदी से बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर दिया है।
मासिक आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि आपूर्ति पक्ष के विभिन्न उच्च आवृत्ति संकेतकों ने बेहतर रुझान प्रदर्शित किए हैं तथा जीएसटी सुधारों के कारण उपभोक्ताओं पर कर का बोझ कम होने और त्योहारी सीजन के चलते मांग की स्थिति में सुधार हुआ है।
सरकार ने 3 सितंबर को जीएसटी ढांचे में आमूलचूल बदलाव की घोषणा की थी, जो 2017 में इसकी शुरुआत के बाद से कर प्रणाली में सबसे महत्त्वपूर्ण सुधार है। इसके तहत जीएसटी कर स्लैब को चार से घटकार मुख्य रूप से दो कर दिया गया है और कई चीजों पर कर की दरें भी घटाई गई हैं।
मुद्रास्फीति के संबंध में समीक्षा में कहा गया कि प्रतिकूल मौसम और आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधानों के कारण होने वाले झटकों को छोड़कर कीमतें स्थिर रहने की उम्मीद है। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि सरकार संरचनात्मक सुधारों के साथ-साथ अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने की पहल के माध्यम से भारतीय अर्थव्यवस्था को बाहरी झटकों को सुगमता से झेलने में सक्षम बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।