सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अग्रिम अनुमान के मुताबिक 2021-22 में सरकार का खपत व्यय और कुल निवेश महामारी के पूर्व के 2019-20 के स्तर के पार पहुंच जाने का अनुमान है। बहरहाल आज जारी राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक घरेलू खपत और व्यय अभी भी महामारी के पहले के स्तर पर नहीं पहुंचा है।
कुल मिलाकर देखें तो वास्तविक सकल नियत पूंजी सृजन (जीएफसीएफ) वित्त वर्ष 2021-22 में 48.5 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो 2020-21 के अनंतिम अनुमान में 42.2 लाख करोड़ रुपये और 2019-29 मेंं 47.3 लाख करोड़ रुपये था। सरकार का सकल अंतिम खपत व्यय (जीएफसीई) 2021-22 में 17.1 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि 2020-21 के पीई में यह 15.9 लाख करोड़ रुपये और 2019-20 में 15.4 लाख करोड़ रुपये था।
बहरहाल निजी अंतिम खपत व्यय, जिससे घरेलू व्यय व खपत का अनुमान लगता है, यह 2021-22 में 80.8 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो 2020-21 में 75.6 लाख करोड़ रुये और 2019-20 में 83.2 लाख करोड़ रुपये था।