ओमीक्रोन के तेज प्रसार के कारण विभिन्न राज्यों द्वारा लगाए जा रहे प्रतिबंधों का अर्थव्यवस्था पर असर पडऩे की संभावना को देखते हुए केंद्र सरकार आर्थिक रिकवरी के बड़े तरीके आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) का सहारा ले सकती है।
बिजनेस स्टैंर्ड को उच्च पदस्थ सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वित्त मंत्रालय सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई), आतिथ्य और पर्यटन क्षेत्र व स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के लिए ईसीएलडीएस व अन्य ऋण गारंटी योजनाओं की अवधि 31 मार्च से आगे बढ़ा सकता है। इसकी घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को अपने बजट भाषण में कर सकती हैं।
इसके साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के लिए ईसीएलजीएस में बदलाव किया जा सकता है और इसकी अवधि जून या सितंबर तक के लिए बढ़ाई जा सकती है। इस मसले पर अभी चर्चा चल रही है। विस्तारित योजना को अंतिम आकार देना वित्त मंत्रालय के आकलन पर निर्भर होगा कि विभिन्न राज्यों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध कितने गंभीर हैं और किस क्षेत्र पर ज्यादा असर पड़ा है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘विभिन्न क्षेत्रों के लिए क्रेडिट गारंटी योजना को उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली है। हम उच्च तीव्रता वाले विभिनन्न संकेतकों की निगरानी कर रहे हैं, जिससे विभिन्न राज्यों के कफ्र्यू व अन्य प्रतिबंधों के असर का आकलन हो सके। हम एमएसएमई उद्योग की चिंता से भी वाकिफ हैं।’
सितंबर में सरकार ने एमएसएमई के लिए ईसीएलजीएल की अवधि 31 मार्च, 2021 तक के लिए बढ़ा दी थी। ईसीएलजीएल के तहत दिए जाने वाले कर्ज की मात्रा 3 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 4.5 लाख करोड़ रुपये कर दी गई थी। 21 नवंबर, 2021 तक बढ़ी हुई सीमा का 64.4 प्रतिशत ऋण जारी किया जा चुका है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ईसीएलजीएस कुछ क्षेत्रों के लिए बढ़ाया जा सकता है। कमोबेश यह उन क्षेत्रों पर लक्षित होना चाहिए, जिनके ऊपर महामारी की लहर का आर्थिक असर ज्यादा पड़ा है। टाटा स्टील के मुख्य कार्याधिकारी और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष टीवी नरेंद्रन ने कहा, ‘इस योजना को विशेष ध्यान के साथ विस्तार दिया जाना चाहिए। अगर आप विभिन्न क्षेत्रों को देखें तो संभवत: 2 साल पहले हर क्षेत्र को मदद की जरूरत थी। कुछ को एक साल पहले मदद की जरूरत थी और यहां तक कि आज भी कुछ क्षेत्रों को मदद की जरूरत है। अगर हम अपने ध्यान को केंद्रित करें और उनकी मदद करें, जो गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं तो मुझे लगता है कि यह बेहतर होगा।’
नरेंद्रन ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘यहां तक कि एमएसएमई में तमाम ऐसे हैं जो अभी संघर्ष कर रहे हैं, जबकि कुछ ने बेहतर किया है। यह इस पर निर्भर है कि वे किस क्षेत्र में काम कर रहे हैं।’
मई 2020 में आत्मनिर्भर भारत पैकेज की शुरुआत करते हुए सीतारमण ने घोषणा की थी कि ईसीएलजीएल 4 विभिन्न आर्थिक राहत पैकेज का हिस्सा है, जो जून 2021 तक मिलेगा। ईसीएलजीएस-1 से छोटे एमएसएमई को कर्ज दिया गया, जिनका कर्ज बकाया 50 करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं है।
ईसीएलजीएस 2 रिजर्व बैंक की समिति द्वारा चिह्नित क्षेत्रों के लिए था, जिसके तहत 50 करोड़ से 500 करोड़ रुपये के बीच कुल क्रेडिट आउटस्टैंडिंग था। ईसीएलजीएस 2 आतिथ्य, यात्रा, पर्यटन व आराम, स्पोर्टिंग व नागरिक उड्डन के लिए था। वहीं ईसीएलजीएस 4 अस्पतालों, नर्सिंग होमों, तरल ऑक्सीजन व ऑक्सीजन सिलिंडर जैसे विनिर्माण संयंत्रों के लिए था।