वित्त वर्ष 23 में एशिया और अफ्रीका के कुछ देशों में वाणिज्यिक निर्यात कम हुआ है। इसकी वजह से कुल मिलाकर निर्यात में कमी आई है। बहरहाल आर्थिक सुस्ती और विकसित देशों में बढ़ते भू राजनीतिक जोखिम के बीच यूरोपियन यूनियन और अमेरिका में निर्यात में बढ़ोतरी की वजह से निर्यात में गिरावट नहीं आई।
वाणिज्य एवं उद्योग विभाग द्वारा जारी अलग अलग आंकड़ों के मुताबिक उत्तर पूर्व एशिया के देशों- चीन (-27.9 प्रतिशत), हॉन्गकॉन्ग (-9.9 प्रतिशत), दक्षिण कोरिया (-17.7 प्रतिशत), जापान (-11.5 प्रतिशत) में निर्यात घटने के कारण भारत के कुल निर्यात वृद्धि में कमी आई है। वित्त वर्ष 23 के ज्यादातर महीनों में चीन में शून्य कोविड नीति के कारण भारत के सामान की मांग घट गई। वहीं जापान और दक्षिण कोरिया ने हीरों और पेट्रोलियम उत्पादों का आयात घटा दिया क्योंकि भारत ने इस तरह के सामान प्रतिबंध प्रभावित रूस से लिए।
एक सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘जापान और दक्षिण कोरिया इस तरह के उत्पादों के भारत से आयात में सावधानी बरत रहे हैं क्योंकि भारत ने रूस से बड़े पैमाने पर कच्चे तेल और हीरे का आयात किया है।’
भारत के पड़ोसी देशों में कर्ज और विदेशी मुद्रा भंडार के संकट की वजह से भी निर्यात घटा। श्रीलंका (-11.9 प्रतिशत), नेपाल (-17 प्रतिशत) और बांग्लादेश (-27.8 प्रतिशत) को होने वाला निर्यात कम हुआ है, क्योंकि विदेशी मुद्रा कम होने के कारण इन देशों ने गैर आवश्यक वस्तुओं का आयात घटा दिया था। इसकी वजह से पड़ोसी देशों में वाहनों व इलेक्ट्रॉनिक सामान का निर्यात कम हो गया।
पेट्रोलियम व हीरे की वजह से भारत से ऑस्ट्रेलिया को निर्यात 16.1 प्रतिशत कम हुआ है, जिससे हाल ही में आर्थिक सहयोग एवं व्यापार समझौता हुआ है। वहीं रूस द्वारा यू्क्रेन पर हमले की वजह से रूस (-3.3 प्रतिशत), यूक्रेन (-71.9 प्रतिशत) और बेलारूस (-32.8 प्रतिशत) को निर्यात घटा है।
अफ्रीकी देशों में कफ सिरप के जांच के दायरे में आने की वजह से दवाओं का निर्यात घट गया, जिससे युगांडा (-19.7 प्रतिशत), मलावी (-27.8 प्रतिशत) को निर्यात घटा है।
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वहीं दूसरी ओर यूरोपियन यूनियन के देशों में निर्यात दो अंकों में बढ़ा है। नीदरलैंड्स (72.3 प्रतिशत) में निर्यात सबसे ज्यादा हुआ और यह पेट्रोलियम उत्पादों के आयात की वजह से भारत का तीसरा बड़ा निर्यात केंद्र बन गया। बहरहाल बेल्जियम (-12.1 प्रतिशत), स्पेन (1.4 प्रतिशत), पोलैंड (-14.7 प्रतिशत), पुर्तगाल (-15.6 प्रतिशत) को निर्यात कम हुआ है।
अमेरिका को होने वाले निर्यात में 3.1 प्रतिशत, जबकि ब्राजील को होने वाला निर्यात 52.9 प्रतिशत बढ़ा है।
भारत का वाणिज्यिक निर्यात 6.7 प्रतिशत बढ़कर 450.4 अरब डॉलर हो गया है, जबकि वाणिज्यिक आयात 16.5 प्रतिशत बढ़कर 714 अरब डॉलर हुआ है, जिससे व्यापार घाटा 263.6 अरब डॉलर हो गया है। इसके विपरीत भारत से सेवाओं का निर्यात 26.6 प्रतिशत बढ़कर 322 अरब डॉलर और आयात 22.2 प्रतिशत बढ़कर 179.9 अरब डॉलर है, जिससे सेवा क्षेत्र में अधिशेष 142.5 अरब डॉलर है।