एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) ने बुधवार को वित्त वर्ष 24 के लिए भारत की वृद्धि का अनुमान घटाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया है। इसमें 10 आधार अंक का बदलाव किया गया है। इस साल असमान मॉनसूनी बारिश के कारण फसलों के उत्पादन पर असर को देखते हुए एडीबी ने वृद्धि अनुमान घटाया है।
वहीं इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च ने सरकार के सतत पूंजीगत व्यय, कंपनियों व बैंकिंग क्षेत्र के घटे कर्ज वाली बैलेंस सीट, जिंसों के वैश्विक दाम में संभावित गिरावट और नए निजी कॉर्पोरेट पूंजीगत व्यय के अनुमान को देखते हुए वित्त वर्ष 24 के लिए वृद्धि अनुमान 30 आधार अंक बढ़ाकर 6.2 प्रतिशत कर दिया है।
एडीबी ने अपने ताजा एशियन डेवलपमेंट आउटलुक में कहा है, ‘मजबूत निजी खपत और सार्वजनिक व निजी व्यय में तेजी के कारण भारत का परिदृश्य बेहतर रहने की संभावना है। वित्त वर्ष 24 के लिए वृद्धि के अनुमान में मामूली कमी मॉनसून सीजन में असमान बारिश की वजह से की गई है, जिससे आगामी फसल की कटाई वाले सीजन में कृषि उत्पादन पर बुरा असर पड़ सकता है।’
बहरहाल एडीबी ने वित्त वर्ष 24 के लिए वृद्धि अनुमान 6.7 प्रतिशत बरकार रखा है और इसकी वजह निजी निवेश और औद्योगिक उत्पादन में संभावित वृद्धि को बताया है। एडीबी ने कहा है कि इससे वृद्धि संचालित होगा। एडीबी ने वित्त वर्ष 24 के लिए भारत में महंगाई दर का अनुमान बढ़ाकर 5.5 प्रतिशत कर दिया है, जबकि पहले 5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।
एडीबी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘भारत में खराब मौसम के कारण जुलाई में खाद्य महंगाई एक बार फर बढ़ गई। इसकी वजह से दक्षिण एशिया में भी महंगाई दर बढ़ी है। अगर भारत में कृषि उत्पादन कमजोर होता है और चावल पर निर्यात प्रतिबंध लगा रहता है तो इससे विकासशील एशिया में खाद्य महंगाई दर का दबाव और बढ़ सकता है।’
वहीं दूसरी तरफ इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च ने वित्त वर्ष 24 के लिए भारत की वृद्धि का अनुमान बढ़ाकर 6.2 प्रतिशत कर दिया है, जबकि पहले 5.9 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया था। एजेंसी ने सरकार की ओर से सतत पूंजीगत व्यय, कॉर्पोरेट और बैंकिंग सेक्टर की घटे कर्ज वाली बैलेंस शीट, जिंसों की वैश्विक कीमत कम रहने की संभावना और नए निजी कॉर्पोरेट पूंजीगत व्यय के चक्र को देखते हुए ताजा अनुमान पेश किया है।
इंडिया रेटिंग्स में मुख्य अर्थशास्त्री सुनील कुमार सिन्हा ने कहा कि वित्त वर्ष 24 की पहली तिमाही में जीडीपी में 7.8 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि के बावजूद आर्थिक विस्तार वित्त वर्ष 24 की शेष तिमाहियों में कमजोर रहने की संभावना है। सिन्हा ने यह भी कहा कि निजी पूंजीगत व्यय में लंबे समय से चल रही सुस्ती के बाद रिकवरी के संकेत मिल रहे हैं और उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और ओडिशा सहित कई राज्यों में टेक्सटाइल, स्टील और बिजली क्षेत्र में नई परियोजनाएं आ रही हैं।
बहरहाल निर्यात मे वैश्विक व्यवधान का सामना करना पड़ रहा है। नकदी की स्थिति सख्त होने के कारण पूंजी की लागत बढ़ी है। इंडिया रेटिंग्स के मुताबिक इसकी वजह से भारत की अर्थव्यवस्था को कुछ चुनौतियां हैं। वित्त वर्ष 24 की जून तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था में 7.8 प्रतिशत की तेज बढ़ोतरी हुई। इसे देखते हुए कई एजेंसियों ने अपना वृद्धि अनुमान बढ़ा दिया था।
मंगलवार को आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) ने वित्त वर्ष 24 के लिए भारत की वृद्धि का अनुमान बढ़ाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया था, जबकि पहले 6 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया था। ओईसीडी ने कहा है कि भारत जी20 के उभरती बाजार वाली अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है, जहां वृद्धि सकारात्मक है। बहरहाल रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि 2023 में 3 प्रतिशत रहने की संभावना है, जबकि2024 में वृद्धि घटकर 2.7 प्रतिशत रहेगी।
इंडिया रेटिंग्स के मुताबिक वित्त वर्ष 24 में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य जीडीपी के 5.9 प्रतिशत रखने में चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि सकल कर संग्रह में वृद्धि वित्त वर्ष 24 के पहले 4 महीने में महज 2.8 प्रतिशत रही है। चालू खाते का घाटा वित्त वर्ष 24 में घटकर जीडीपी का 1.3 प्रतिशत रह जाएगा और खुदरा व थोक महंगाई दर क्रमशः 5.5 प्रतिशत और 1 प्रतिशत रहेगी।