सैमसंग इंडिया के श्रीपेरंबुदूर प्लांट में कर्मचारियों और प्रबंधन के बीच तकरार सोमवार से और तेज होने की उम्मीद है। सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (CITU) के समर्थन से करीब 1,000 कर्मचारी अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर सुंगुवरचत्रम (Sunguvarchatram) में बड़े पैमाने पर भूख हड़ताल करने जा रहे हैं।
कर्मचारियों की मुख्य मांगों में तीन निलंबित कर्मचारियों की बहाली शामिल है, जो हाल ही में बने सैमसंग इंडिया वर्कर्स यूनियन (Samsung India Workers’ Union) के प्रमुख सदस्य हैं और CITU से जुड़े हुए हैं। सैमसंग इंडिया वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष और CITU कांचीपुरम जिले के सचिव ई. मुथुकुमार ने कहा, “हम अपने परिवारों के साथ सुंगुवरचत्रम में एक बड़े विरोध प्रदर्शन का आयोजन करेंगे और निलंबित कर्मचारियों के निलंबन को वापस लेने की मांग करेंगे।”
कुल 1,750 कर्मचारियों में से करीब 500 कर्मचारी पिछले दो सप्ताह से कांचीपुरम जिले के श्रीपेरंबुदूर में स्थित कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स फैक्ट्री के अंदर धरने पर बैठे हैं। इससे पहले, कंपनी ने कुछ कर्मचारियों के खिलाफ सरकारी अधिकारियों के पास आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई थी।
कंपनी ने अपने बयान में कहा, “हमारे कुछ कर्मचारी चेन्नई फैक्ट्री परिसर में अवैध हड़ताल कर रहे हैं, जबकि हमारे अधिकांश समर्पित कर्मचारी यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि उत्पादन प्रभावित न हो। हमने कुछ कर्मचारियों के खिलाफ, जिन्होंने कंपनी की नीतियों का उल्लंघन किया है, संबंधित अधिकारियों के पास आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई है। सैमसंग में, हम सभी लागू कानूनों का पालन करते हैं।” कंपनी ने यह भी कहा कि विरोध प्रदर्शन से उसके उत्पादन पर कोई असर नहीं पड़ा है।
यह ताजा विरोध प्रदर्शन उस 37-दिन की हड़ताल के बाद हो रहा है, जो 17 अक्टूबर को समाप्त हुई थी। उस समय, लगभग 1,000 कर्मचारी अपनी यूनियन को मान्यता देने और वेतन बढ़ोतरी की मांग को लेकर हड़ताल पर थे।
सरकारी अधिकारियों ने इस विवाद को सुलझाने की कोशिश की है, लेकिन शुक्रवार को हुई बैठक के बावजूद दोनों पक्ष किसी समाधान पर नहीं पहुंच सके।
यह प्लांट सैमसंग के भारत संचालन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां पर रेफ्रिजरेटर, टेलीविजन और वॉशिंग मशीन का उत्पादन किया जाता है। बताया जाता है कि 2022-23 में इस प्लांट का योगदान दक्षिण कोरियाई इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माता की भारतीय बिक्री में 12 बिलियन डॉलर का एक-पांचवां हिस्सा था।