सिंगापुर की कंपनी टेमासेक के निवेश वाली अस्पताल कंपनियों – मणिपाल हेल्थ एंटरप्राइजेज और मेडिका सिनर्जी प्राइवेट लिमिटेड का विलय होने की संभावना है। इस घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों का कहना है कि विलय के बाद इन अस्पतालों का परिचालन मणिपाल ब्रांड के तहत किया जा सकता है।
मणिपाल हेल्थ एंटरप्राइजेज (मणिपाल हॉस्पिटल्स) पूरे भारत में 33 अस्पतालों में 9,500 बेड क्षमता के साथ परिचालन करती है, जबकि मेडिका की उपस्थिति 1,200 बेड के साथ पूर्वी भारत में दमदार बनी हुई है। इन दोनों अस्पताल कंपनियों ने विस्तार पर जोर दिया है। मणिपाल हॉस्पिटल्स ने अगले 18-36 महीनों में अन्य 1,200 बेड, मेडिका ने अगले दो-तीन साल में अन्य 450-500 बेड जोड़ने की योजना बनाई है।
इस घटनाक्रम से जुड़े एक अधिकारी ने नाम नहीं छापे जाने के अनुरोध के साथ बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि मणिपाल हॉस्पिटल्स और मेडिका का जल्द ही विलय होगा और
मणिपाल ब्रांड के तहत एक कंपनी के रूप में इनका परिचालन किया जाएगा। अधिकारी ने कहा, ‘दोनों अस्पताल श्रृंखलाएं टेमासेक द्वारा समर्थित हैं। टेमासेक की मणिपाल और मेडिका में बड़ी हिस्सेदारी है। मणिपाल में टेमासेक की करीब 59 प्रतिशत, जबकि मेडिका में 90 प्रतिशत हिस्सेदारी है।’
अधिकारी ने कहा कि विलय की प्रक्रिया अगले कुछ महीनों में शुरू हो जाएगी और 2024 में मेडिका तथा मणिपाल एक हो जाएंगी। इससे अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइजेज को पीछे छोड़ते हुए मणिपाल पूरे देश में सबसे बड़ी कॉरपोरेट हॉस्पिटल चेन बन जाएगी। इससे अस्पताल समूहों को आपूर्ति श्रृंखा में आपसी तालमेल बढ़ाने, क्षेत्रीय विस्तार योजनाओं में भागीदारी करने और परिचालन दक्षता में सुधार लाने में मदद मिलेगी।
मेडिका को इस संबंध में भेजे गए ईमेल संदेश का जवाब नहीं मिला है जबकि टेमासेक और मणिपाल ने फिलहाल अपनी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है। मेडिका और मणिपाल, दोनों की पूर्वी भारतीय बाजार में अच्छी उपस्थिति है। मेडिका की कोलकाता, सिलीगुड़ी, रांची में मौजूदगी है और वह आसनसोल में एक कैंसर अस्पताल बना रही है। कोलकाता में मेडिका करीब 600 बेड के साथ परिचालन करती है और उसने अपने सिलीगुड़ी अस्पताल की क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया है।
मेडिका के सह-संस्थापक एवं संयुक्त प्रबंध निदेशक अयानाभ देबगुप्ता ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बात करते हुए कहा कि वे मुख्य तौर पर अपनी विस्तार योजनाओं में कैंसर-देखभाल चिकित्सा पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। कैंसर-देखभाल में अक्सर ज्यादा बेड की जरूरत नहीं होती है, क्योंकि ज्यादातर उपचार प्रक्रियाएं डे-केयर में की जा सकती हैं। देबगुप्ता ने कहा कि हालांकि क्षेत्र में कैंसर देखभाल के लिए बढ़ रही जरूरत पूरी करने के लिए वे आसनसोल में एक अस्पताल
बना रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘हम गुवाहाटी और वाराणसी जैसे स्थानों पर भी संभावनाएं तलाश रहे हैं, क्योंकि ये हमारे मौजूदा परिचालन क्षेत्रों से सटे हुए हैं।’ हालांकि देबगुप्ता ने इनसे जुड़े वित्तीय विवरण का खुलासा नहीं किया है, लेकिन उन्होंने बताया कि मेडिका का राजस्व 20 प्रतिश्त सालाना की दर से बढ़ा है और मुनाफा भी समान रफ्तार से आगे बढ़ रहा है।
दूसरी तरफ, मणिपाल हॉस्पिटल्स ने इमामी समूह के स्वामित्व वाले एएमआरआई हॉस्पिटल्स का सितंबर में 2,300 करोड़ रुपये में अधिग्रहण कर 1,200 बेड क्षमता जोड़ी है। इससे पहले अप्रैल में टेमासेक ने मणिपाल हेल्थ एंटरप्राइजेज में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई थी।