टाटा मोटर्स (TML) ने वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में 5,404 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 1,099 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया था। कंपनी के राजस्व में सालाना आधार पर 35 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और यह बढ़कर 1.05 लाख करोड़ रुपये हो गया। टीएमएल का शेयर शुक्रवार को बीएसई पर 515.6 रुपये पर बंद हुआ, जो 520 रुपये के इसके 52 सप्ताह के शीर्ष स्तर के करीब रहे। निदेशक मंडल ने दो रुपये प्रति साधारण शेयर के अंतिम लाभांश की सिफारिश की है।
चौथी तिमाही टीएमएल के लिए 1.059 लाख करोड़ रुपये के समेकित राजस्व के साथ सबसे मजबूत तिमाहियों में से एक रही, जिसने ब्लूमबर्ग के 1.02 लाख करोड़ रुपये के अनुमान को पीछे छोड़ दिया। एबिटा 14,100 करोड़ रुपये के स्तर पर रहा और शुद्ध वाहन ऋण में 13,800 करोड़ रुपये की कमी आई। वित्त वर्ष 23 के दौरान कारोबार में 3.46 लाख करोड़ रुपये का सर्वाधिक राजस्व दर्ज किया गया। इस दौरान एबिटा 37,000 करोड़ रुपये और कर पूर्व लाभ 1,500 करोड़ रुपये रहा।
धातुओं से लेकर तेल क्षेत्र तक में कारोबार करने वाले भारतीय समूह वेदांत लिमिटेड ने धातुओं की कीमतों में कमी के बीच राजस्व में गिरावट के बाद शुक्रवार को चौथी तिमाही के लाभ में 68 प्रतिशत की कमी दर्ज की। अरबपति अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाली कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि 31 मार्च को समाप्त होने वाली तिमाही में वेदांत का समेकित शुद्ध लाभ 18.81 अरब रुपये रहा, जबकि एक साल पहले यह 57.99 अरब रुपये था।
रिफाइनिटिव आईबीईएस के आंकड़ों के अनुसार विश्लेषकों ने औसतन 28.91 अरब रुपये के लाभ की उम्मीद की थी। धातु और खनन क्षेत्र की इस दिग्गज का तिमाही राजस्व 5.4 प्रतिशत घटकर 372.25 अरब रुपये रह गया। मुख्य एल्युमीनियम कारोबार के राजस्व का हिस्सा 39 प्रतिशत से घटकर 33 प्रतिशत रह गया। जिंक और एल्युमीनियम की कीमतें मार्च 2022 के रिकॉर्ड शीर्ष स्तर की तुलना में 40 प्रतिशत से भी अधिक गिर चुकी हैं।
एक साल पहले की तुलना में कुल व्यय 10.5 प्रतिशत बढ़कर 330.4 अरब रुपये हो गया। वेदांत समूह के स्वामित्व वाली हिंदुस्तान जिंक द्वारा वेदांता लिमिटेड से 2.98 अरब डॉलर में कुछ जस्ता परिसंपत्ति खरीदने का प्रस्ताव शेयरधारकों की मंजूरी हासिल करने में विफल रहने के बाद खत्म होने के बाद यह परिणाम आया है।
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बाजार मूल्यांकन के लिहाज से देश की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी DLF लिमिटेड ने शुक्रवार को अपने तिमाही लाभ में 40.6 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया, जिसे खर्चों में गिरावट और सतत आवासीय मांग से मदद मिली।
चौथी तिमाही में DLF का समेकित शुद्ध लाभ एक साल पहले के 4.05 अरब रुपये से बढ़कर 5.07 अरब रुपये हो गया। DLF का राजस्व 5.9 प्रतिशत गिरकर 14.56 अरब रुपये रह गया, जबकि खर्च में 12.4 की कमी आई। अधिक ब्याज दर के बावजूद देश में लक्जरी आवास की मांग में तेजी आ रही है, जिससे पिछले वित्त वर्ष की प्रत्येक तिमाही में DLF को लाभ में तेजी दर्ज करने में मदद मिली।
कंपनी की योजना लक्जरी और प्रीमियम परियोजनाओं पर लगातार ध्यान केंद्रित करने की है क्योंकि उसे लोकप्रिय किफायती आवास खंड में लाभ कमाना मुश्किल लग रहा है। इस महीने की शुरुआत में प्रतिस्पर्धी गोदरेज प्रॉपर्टीज ने चौथी तिमाही के लाभ में 58 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की थी।
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कोलगेट-पामोलिव (इंडिया) लिमिटेड का चौथी तिमाही का लाभ अपेक्षा से कम रहा। बढ़ती लागत से निपटने के लिए दाम वृद्धि के कारण इस पर असर पड़ा। 31 मार्च को समाप्त होने वाली तिमाही में अमेरिका की दैनिक उपभोक्ता वस्तु क्षेत्र की प्रमुख कंपनी की भारतीय शाखा ने शुद्ध लाभ में 2.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की और यह कम होकर 3.16 अरब रुपये रह गया।
रिफाइनिटिव आईबीईएस के अनुसार विश्लेषकों ने औसतन 2.71 अरब रुपये के लाभ की उम्मीद की थी। टूथपेस्ट विनिर्माता की बिक्री लगभग चार प्रतिशत बढ़कर 13.42 अरब रुपये हो गई, जिसके लिए विश्लेषकों ने मूल्य वृद्धि को जिम्मेदार ठहराया। कुल व्यय लगभग तीन प्रतिशत अधिक रहा।