प्रमुख कार विनिर्माताओं के यात्री वाहनों की थोक बिक्री रफ्तार जुलाई में सुस्त पड़ गई। महीने के दौरान घरेलू बाजार में यात्री वाहनों की थोक बिक्री एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 1.6 फीसदी घटकर 3,04,381 वाहन रह गई। डीलरों के यहां अनबिके वाहनों का स्टॉक अधिक होने से विनिर्माताओं को कारखानों से यात्री वाहनों के डिस्पैच को कम करना पड़ा।
महीने के दौरान टोयोटा किर्लोस्कर मोटर्स और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के वाहनों की थोक बिक्री में क्रमश: 42.25 फीसदी और 15 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। मगर मारुति सुजूकी 9.6 फीसदी, टाटा मोटर्स 6 फीसदी और ह्युंडै मोटर इंडिया की बिक्री में 3.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
रेटिंग एजेंसी इक्रा ने एक नोट में कहा है कि वाहन डीलरों के संगठन फाडा के अनुसार जून में डीलरशिप पर अनबिके यात्री वाहनों का स्टॉक बढ़कर 62 से 67 दिनों (औसतन 30 से 35 दिनों के मुकाबले) का हो गया था। इसकी मुख्य वजह लगातार उत्पादन और खुदरा बिक्री में नरमी थी। भीषण गर्मी और लोक सभा चुनावों के कारण वाहनों की खुदरा बिक्री प्रभावित हुई। उन्होंने कहा, ‘निकट भविष्य में भी अनबिके वाहनों का अधिक स्टॉक बरकरार रहने के आसार हैं। इससे डीलरों का मार्जिन प्रभावित हो सकता है।’
यात्री वाहन बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजूकी की थोक बिक्री जुलाई में 9.67 फीसदी घटकर 1,37,463 वाहन रह गई। टाटा मोटर्स ने जुलाई में इलेक्ट्रिक वाहन सहित 44,725 वाहनों की बिक्री की क्योंकि फेम योजना के तहत प्रोत्साहन बंद होने से बेड़े के लिए कारों की मांग में कमी आई।
टाटा मोटर्स के ग्रुप सीएफओ पीबी बालाजी ने गुरुवार को वित्तीय नतीजे के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि पेट्रोल-डीजल और ईवी दोनों श्रेणियों की बिक्री में कुछ गिरावट लाजिमी है।
ह्युंडै के यात्री वाहनों की बिक्री जुलाई में एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 3.33 फीसदी घटकर 49,013 वाहन रह गई। कंपनी की घरेलू बिक्री में एसयूवी की हिस्सेदारी 66.6 फीसदी है। जुलाई में महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के यात्री वाहनों की बिक्री एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 15 फीसदी बढ़कर 41,623 वाहन हो गई।