फ्रांस की दिग्गज वाहन कंपनी रेनो ने निसान के साथ एक करार किया है। इसके तहत रेनो संयुक्त उपक्रम रेनो निसान ऑटोमोटिव इंडिया (आरएनएआईपीएल) में जापानी कंपनी निसान की 51 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी। रेनो के पास पहले से ही इसमें 49 फीसदी हिस्सा है। रेनो निसान ऑटोमोटिव इंडिया का चेन्नई में विनिर्माण कारखाना है।
सौदा कितने में हो रहा है इसके बारे में दोनों कंपनियों ने विवरण देने से इनकार कर दिया। निसान आने वाले वर्षों में भारतीय बाजार और निर्यात के लिए आपूर्ति केंद्र के रूप में आरएनएआईपीएल का उपयोग जारी रखेगी। सौदा 2025 की पहली छमाही में पूरा होने की उम्मीद है। निसान ने स्पष्ट किया कि उसकी भारतीय बाजार से बाहर निकलने की कोई योजना नहीं है।
निसान के प्रेसिडेंट और सीईओ ईवान एस्पिनोसा ने कहा, ‘हम भारतीय बाजार के लिए प्रतिबद्ध हैं और स्थानीय ग्राहकों की जरूरतों के अनुरूप वाहनों की आपूर्ति करते रहेंगे। भारत हमारे शोध और विकास, डिजिटल तथा अन्य ज्ञान सेवाओं का केंद्र बना रहेगा। भारत में नई एसयूवी लाने की भी योजना है और हम भारत में ‘एक कार, एक दुनिया’ कारोबारी रणनीति के तहत अन्य बाजारों में यहां से अपने वाहन का निर्यात करते रहेंगे।’
निसान इंडिया के प्रेसिडेंट फ्रैंक टोरेस ने कहा, ‘हम उसी दक्षता की गारंटी दे रहे हैं जो हमने 51 फीसदी हिस्सेदारी के साथ दी थी। हमने मुनाफे में आने के लिए यह सौदा किया है। हमारे पास लागत को कम करने का कोई और तरीका नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘हमारे ऊपर कोई पाबंदी नहीं है और हम भारत में कोई भी संभावना तलाश सकते हैं।’
भारत से निकलने की योजना के बारे में पूछे जाने पर टोरेस ने कहा, ‘हम भारत से नहीं जा रहे हैं। हम 70 करोड़ यूरो निवेश करने की प्रक्रिया में हैं और अगले दो वर्षों में नए वाहन भी लाना चाह रहे हैं। हमारे निर्यात में भी उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है।’
वित्त वर्ष 2024 में निसान ने भारत में 99,000 वाहनों का उत्पादन किया जिनमें से 28,000 कारें घरेलू बाजार में बेची गईं और 71,000 कारें निर्यात की गईं। संयुक्त उपक्रम से निकलने के बावजूद निसान ने 2026 में घरेलू और निर्यात बाजार के लिए 1-1 लाख वाहनों का महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। कंपनी 5 नई कारें उतारने की योजना बना ही है। नए वाहन लाने और डीलरशिप विस्तार के लिए कंपनी ने 70 करोड़ यूरो निवेश करने की घोषणा की थी जिनमें से 80 फीसदी निवेश किया जा चुका है। टोरेस ने कहा कि इस सौदे से संयुक्त उपक्रम के कर्मचारियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इस इकाई में 4,958 स्थायी कर्मचारी और करीब 1,600 ठेके पर काम करने वाले कर्मचारी हैं।
दिलचस्प है कि रेनो समूह और निसान संयुक्त रूप से रेनो निसान टेक्नोलॉजी ऐंड बिजनेस सेंटर इंडिया (आरएनटीबीसीआई) का संचालन जारी रखेंगे। इसमें निसान की 49 फीसदी और रेनो की 51 फीसदी हिस्सेदारी है।