अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एएचईएल) ने कहा है कि उसके ओमनी-चैनल फार्मेसी और डिजिटल करोबारों का मूल्य हासिल करने और शेयरधारकों का रिटर्न बढ़ाने के लिए उसकी पुनर्गठन प्रक्रिया वित्त वर्ष 2026-27 की अंतिम तिमाही तक पूरी होने की उम्मीद है।
अपोलो हॉस्पिटल्स के समूह के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) कृष्णन अखिलेश्वरन ने कहा, ‘हम शेयर बाजार की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं। यह जल्द ही मिल सकती है। फिर हम राष्ट्रीय कंपनी कानून पंचाट (एनसीएलटी) में आवेदन करेंगे। हम वित्त वर्ष 27 की अंतिम तिमाही तक सब कुछ पूरा कर लेंगे। फार्मेसी और डिजिटल कारोबारों की सूचीबद्धता साथ-साथ होगी।’ इस पुनर्गठन के लिए निदेशक मंडल की मंजूरी जून, 2025 में मिली थी। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने भी सितंबर में हरी झंडी दे दी थी। कंपनी ने कहा कि उसे भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) से भी अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने की उम्मीद है। उम्मीद है कि नवगठित कंपनी 22 से 23 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर हासिल होगी। यह इजाफा ई-फार्मेसी श्रेणी और अन्य कारोबारी क्षेत्रों की बदौलत होगा। उसका वित्त वर्ष 27 तक 25,000 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य है।
जून में चेन्नई की एएचईएल ने अपने डिजिटल स्वास्थ्य और फार्मेसी वितरण कारोबारों को अलग इकाई में विभाजित करने की योजना का ऐलान किया था और वह 18 से 21 महीनों के भीतर नई कंपनी को सूचीबद्ध करने की भी योजना बना रही है।
इस पुनर्गठन के तहत कंपनी के ओमनी-चैनल फार्मा और डिजिटल स्वास्थ्य कारोबार – अपोलो हेल्थको को पहले एएचईएल से अलग करके नई कंपनी में शामिल किया जाएगा। इसके बाद इसकी फार्मा वितरण शाखा – कीमेड का नई कंपनी में विलय किया जाएगा। इसका मौजूदा राजस्व लगभग 16,300 करोड़ रुपये है।
कंपनी ने वित्त वर्ष 27 तक 7 प्रतिशत एबिटा मार्जिन के साथ 25,000 करोड़ रुपये की राजस्व दर की योजना बताई है। नई कंपनी की सूचीबद्धता तक पुनर्गठन की प्रक्रिया पूरी हो जाने की उम्मीद है। नई कंपनी में डिजिटल स्वास्थ्य प्लेटफॉर्म अपोलो 24/7, अपोलो हेल्थको का ऑफलाइन फार्मेसी कारोबार, कीमेड और टेलीहेल्थ सेवा कारोबार शामिल होंगे।