आजकल ज्यादातर लोग सिर्फ एक साल के रिटर्न और व्हाट्सएप पर चल रही सोना-चांदी की बातों में उलझे रहते हैं। इस पर एडेलवाइस म्युचुअल फंड की सीईओ राधिका गुप्ता ने कहा कि भारतीय निवेशक अब छोटी अवधि की सोच से निवेश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि गलती सिर्फ आम लोगों की नहीं है, बल्कि पूरा फाइनेंशियल सिस्टम भी इसी चक्कर में है। मुंबई में हुई एक बड़ी कॉन्फ्रेंस में राधिका गुप्ता ने कहा, “हम मंच पर बैठकर निवेशकों की गलतियां गिनाते हैं, लेकिन वही गलती हम खुद भी करते हैं। हम भी वही चीजें खरीदते हैं जो उस वक्त सबको अच्छी लगती हैं।”
गुप्ता ने अपने फंड हाउस का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे ट्रेंड बदलने से लोगों की सोच भी बदल जाती है। उन्होंने कहा कि साल 2022 में एडेलवाइस ने 50-50 गोल्ड और सिल्वर फंड लॉन्च किया था, लेकिन उस समय किसी को उसमें दिलचस्पी नहीं थी। उन्होंने हंसते हुए कहा, “सच कहूं तो यह थोड़ा ‘सिली प्रोडक्ट’ था। उस वक्त रिटर्न इतने खराब लग रहे थे कि मेरी टीम इसे प्रेजेंटेशन में दिखाना भी नहीं चाहती थी।”
उस समय इस फंड में सिर्फ 12 करोड़ रुपये का निवेश आया था। लेकिन तीन साल बाद, जब सोने और चांदी की कीमतें बढ़ीं, तो यही फंड 67.5% रिटर्न देकर बहुत लोकप्रिय हो गया। अब हर दिन इसमें करीब 25 करोड़ रुपये का नया निवेश आ रहा है।
गुप्ता ने मुस्कराते हुए कहा, “आप फंड नहीं मांग रहे, आपकी सोच मांग रही है।” उन्होंने बताया कि अब लोग प्लैटिनम और कॉपर SIPs की भी मांग कर रहे हैं। जबकि कुछ साल पहले कोई इनके बारे में सोचता भी नहीं था।
गुप्ता ने कहा कि पिछले साल के अच्छे रिटर्न देखकर निवेश करना बहुत बड़ी गलती है। उन्होंने समझाया, “यह फंड अभी 67% रिटर्न दे नहीं रहा, बल्कि दे चुका है। और यही फर्क लोगों को समझना चाहिए।” उन्होंने बताया कि ऐसी सोच से लोग भीड़ के पीछे चलने लगते हैं, जिसे ‘herd behaviour’ कहा जाता है। जब सब एक ही चीज़ में निवेश करने लगते हैं, तो बाद में कई बार नुकसान भी उठाना पड़ता है। गुप्ता ने कहा कि बाजार में जो चीज आज सबको पसंद है, वही कल गिर सकती है। उनके अनुसार, “असली समझदारी इसी में है कि आप वो मौका देखें, जिसे बाकी लोग नहीं देख रहे हैं।”
आज भले ही सोने और चांदी के फंड चर्चा में हों, लेकिन राधिका गुप्ता का ध्यान अब फिक्स्ड इनकम SIPs पर है। यानी ऐसे निवेश जिनमें इस समय ज्यादा लोग दिलचस्पी नहीं दिखा रहे, लेकिन जो सुरक्षित और संतुलित निवेश योजना के लिए बहुत जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि भारत में “रिटर्न की दीवानगी” यानी जल्दी ज्यादा मुनाफा कमाने की चाहत, लोगों को थोड़े समय के लिए खुश करती है, लेकिन असली दौलत लंबे समय की सोच से ही बनती है। गुप्ता ने साफ कहा, “जो चीज आज चमक रही है, वो हमेशा नहीं चमकेगी। समझदार निवेश वही है, जो आज से ही कल के सही मौके पहचान सके।”