रेलिगेयर एंटरप्राइजेज (आरईएल) की प्रमुख रश्मि सलूजा ने इन आरोपों को खारिज कर दिया कि वह बर्मन परिवार की खुली पेशकश रोकने की कोशिश कर रही हैं। सलूजा ने कहा कि डाबर के प्रवर्तक बर्मन परिवार से उनका कोई व्यक्तिगत विवाद नहीं है। उन्होंने कहा कि खुली पेशकश को मंजूरी देने पर निर्णय बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनियामक बोर्ड (सेबी) को लेना है इसलिए इस मामले से उनका कोई लेना-देना नहीं है।
बर्मन परिवार आरईएल में अकेला सबसे बड़ा अंशधारक है। कंपनी में उनकी 21.2 प्रतिशत हिस्सेदारी है। सितंबर 2023 में बर्मन परिवार ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की पेशकश की थी। उन्होंने तब कहा था कि वह 235 रुपये प्रति शेयर की दर से आरईएल में अतिरिक्त हिस्सेदारी 2,116 करोड़ रुपये में खरीदने को तैयार है।
मगर आरईएल के निदेशक मंडल ने बाजार नियामक को लिखे पत्र में फर्जीवाड़े, बाजार में लगने वाले कयास एवं अन्य उल्लंघनों का हवाला देते हुए बर्मन परिवार के ‘फिट ऐंड प्रॉपर’ दर्जे पर चिंता जताई थी।
सलूजा ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, ‘जब तक सभी आरोपों पर स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती और चिंता दूर नहीं होती तब तक खुली पेशकश आगे नहीं बढ़ सकती। बाजार नियामक स्वतंत्र रूप से इसकी जांच करेगा और यह खत्म होने के बाद वह यह मामला न्यायालय भेजेगा या बर्मन परिवार को हमसे बात करने के लिए कहा जाएगा। तब तक हम भी इंतजार कर रहे हैं।‘