Nissan मोटर ने गुरुवार को घोषणा की कि वह 9,000 कर्मचारियों की छंटनी करेगा और अपनी वैश्विक उत्पादन क्षमता में 20% की कटौती करेगा। यह कदम कंपनी की लागत को $2.6 बिलियन तक घटाने के लिए उठाया गया है, क्योंकि चीन और अमेरिका में उसकी बिक्री घट रही है। कंपनी अभी तक 2018 में अपने पूर्व चेयरमैन कार्लोस घोसन को हटाने और रेनॉल्ट के साथ साझेदारी कम करने के असर से बाहर नहीं निकल पाई है।
गुरुवार को निसान ने अपने सालाना मुनाफे के अनुमान को 70% घटाकर 150 बिलियन येन ($975 मिलियन) कर दिया। चीन में BYD और अन्य लोकल कंपनियां सस्ती इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कारों के साथ तेजी से बाजार पर कब्जा कर रही हैं, जिससे निसान और अन्य विदेशी कंपनियों के लिए चुनौती बढ़ गई है। निसान के लिए अमेरिका में समस्या और भी गंभीर है, जहां उसके पास मजबूत हाइब्रिड कारों का विकल्प नहीं है। इसके विपरीत, जापानी कंपनी टोयोटा ने पेट्रोल-हाइब्रिड कारों की बढ़ती मांग का फायदा उठाया है।
निसान के CEO मकोटो उचिदा ने कहा कि कंपनी ने अमेरिका में हाइब्रिड कारों की मांग को ठीक से समझा नहीं। उन्होंने कहा, “हमने नहीं सोचा था कि हाइब्रिड इलेक्ट्रिक कारें इतनी तेजी से बढ़ेंगी।” निसान मोटर ने अपनी लागत घटाने और पुनर्गठन की योजना के तहत 9,000 नौकरियां कम करने का फैसला किया है। यह कंपनी के कुल 1.33 लाख कर्मचारियों का लगभग 6.7% है। कंपनी ने कहा कि इससे इस वित्तीय वर्ष में खर्चों में 400 बिलियन येन ($2.6 बिलियन) की बचत होगी, इसलिए उसने अपने मुनाफे का पूर्वानुमान रद्द कर दिया है।
CEO मकोटो उचिदा ने बताया कि कंपनी ने हाइब्रिड कारों की बढ़ती मांग को पिछले साल समझना शुरू किया, लेकिन कुछ बदलाव उम्मीद के मुताबिक नहीं हो पाए। उचिदा ने कहा कि वह अपनी सैलरी का 50% हिस्सा छोड़ेंगे, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी वेतन कटौती करेंगे। निसान अपनी उत्पादन क्षमता में 20% की कटौती करेगा और अपने साझेदारों रेनॉल्ट और मित्सुबिशी मोटर्स के साथ मिलकर काम को बढ़ाएगा। इसके अलावा, कंपनी मित्सुबिशी मोटर्स में अपनी 10% हिस्सेदारी बेचकर करीब 68.6 बिलियन येन ($445.45 मिलियन) जुटाने की योजना बना रही है।
कंपनी के अधिकारी हिदेयूकी साकामोटो ने बताया कि निसान की दुनियाभर में 25 उत्पादन लाइनें हैं, और कंपनी उनमें उत्पादन की गति और शिफ्ट पैटर्न में बदलाव करके उनकी क्षमता कम करेगी। जुलाई-सितंबर की तिमाही में निसान का ऑपरेटिंग मुनाफा 85% गिरकर 31.9 बिलियन येन रह गया, जो उम्मीद से बहुत कम है। इस दौरान कंपनी की वैश्विक बिक्री में भी 3.8% की कमी आई, खासकर चीन में 14.3% और अमेरिका में करीब 3% की गिरावट के कारण। होंडा मोटर ने भी इसी तिमाही में 15% मुनाफे में गिरावट दर्ज की, मुख्य रूप से चीन में बिक्री कम होने के कारण, जिससे होंडा के शेयरों में 5% की गिरावट देखी गई।