मारुति सुजूकी इंडिया (MSIL) के चेयरमैन आर सी भार्गव ने बुधवार को कहा कि छोटी कार के सेगमेंट में तेजी की उम्मीद नहीं दिख रही है, क्योंकि लोगों के लिए ये वाहन अब किफायती नहीं रह गए हैं।
उन्होंने कहा कि बाजार स्पष्ट तौर पर स्पोर्ट यूटिलिटी वाहन (SUV) सेगमेंट पर केंद्रित हो गया है और कंपनी इसी दिशा में आगे बढ़ने पर ज्यादा जोर देगी। भारत में यूटिलिटी वाहनों की घरेलू बिक्री वित्त वर्ष 2023 में 34.54 प्रतिशत तक बढ़कर करीब 20 लाख वाहन पर पहुंच गई।
सायम के आंकड़े से पता चलता है कि दूसरी तरफ, एंट्री-लेवल के वाहनों की घरेलू बिक्री पूर्ववर्ती वर्ष में 10 प्रतिशत से कम बढ़ी। भार्गव ने कहा, ‘छोटी कारों के लिए मांग काफी हद तक स्थिर हो गई है। 2023-23 में, हमें इन कारों की बिक्री में बड़ी तेजी दर्ज नहीं की। यह सेगमेंट काफी हद तक सपाट बना रहा।’
उन्होंने कहा कि छोटी कार खंड में सुस्ती की वजह किफायती कारक भी है। उन्होंने कहा, ‘लोगों को इन छोटी कारों का वहन करने में सक्षम होने के लिए कुछ और अमीर बनना होगा।’
बढ़ती जिंस कीमतों और मुद्रास्फीति बढ़ने से छोटी कार खरीदने की लागत पिछले कुछ वर्षों के दौरान काफी बढ़ी है। यही वजह है कि छोटी कारें खरीदने वाले ग्राहक अब इन्हें किफायती नहीं मान रहे हैं। मारुति ने वित्त वर्ष 2023 में एंट्री-लेवल कार खंड (ऑल्टो और एस-प्रेसो शामिल) में सिर्फ 232,911 वाहन बेचे, जो महज 10 प्रतिशत की वृद्धि है।
भार्गव ने कहा कि स्मॉल कार सेगमेंट में मंदी दूर करने का एक समाधान है अर्थव्यवस्था का तेजी से बढ़ना। हालांकि भले ही अर्थव्यवस्था बढ़े, लेकिन लोग बड़ी कारों की खरीदारी कर सकते हैं और छोटी कारों में दिलचस्पी नहीं दिखा सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘ऐसा पूरी दुनिया में हुआ है।’उन्होंने कहा कि छोटी कारों की बिक्री में सुस्ती उन्हें ज्यादा परेशान नहीं कर रही है, क्योंकि कुल मिलाकर कंपनी बेहतर प्रदर्शन कर रही है।
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उन्होंने कहा, ‘सच्चाई यह है कि हम उत्पादन (नए संयंत्र लगाकर) बढ़ा रहे हैं, जिससे पता चलता है कि छोटी कार खंड में आई कमजोरी के बावजूद हमारे पास बाजार में बढ़ने के लिए पर्याप्त क्षमता है। इसलिए, कोई समस्या नहीं है। जिंदगी में चीजें बदलती हैं और हमें उनके साथ ढलना पड़ता है।’
भार्गव ने कहा कि जहां भारतीय वाहन उद्योग की घरेलू बिक्री वित्त वर्ष 2024 में लगभग 6-7 प्रतिशत तक बढ़ने की संभावना है, वहीं एमएसआईएल की वृद्धि दर इसके मुकाबले ज्यादा रहेगी, क्योंकि उसने चालू वित्त वर्ष के दौरान कई एसयूवी पेश करने की योजना बनाई है।
उन्होंने कहा कि कंपनी के पास करीब 410,000 वाहनों की बुकिंग लंबित है। MSIL के लिए, कारों का उत्पादन मुख्य चिंता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 के अंत तक, एमएसआईएल भारत में 6 इलेक्ट्रिक वाहन (EV) पेश करेगी।