अरबपति सज्जन जिंदल के नेतृत्व वाली जेएसडब्ल्यू पेंट्स ने ड्यूलक्स ब्रांड नाम से पेंट बनाने वाली एक्जो नोबेल इंडिया लिमिटेड की 74.76 फीसदी हिस्सेदारी डच की मूल कंपनी से खरीदने के लिए करार किया है। यह सौदा 8,986 करोड़ रुपये में हो रहा है। यह भारत के पेंट क्षेत्र में सबसे बड़े सौदों में से एक है। यह कदम तेजी से बढ़ रहे डेकोरेटिव और औद्योगिक कोटिंग मार्केट में जेएसडब्ल्यू के तेजी से विस्तार के इरादे से उठाया गया है।
करार के हिस्से के तौर पर जेएसडब्ल्यू पेंट्स सहयोगी जेटीपीएम मेटल ट्रेडर्स और जेएसडब्ल्यू एडुइन्फ्रा के साथ एक्जो नोबेल इंडिया के अतिरिक्त 25.24 फीसदी सार्वजनिक शेयरों को 3,417.77 रुपये प्रति शेयर पर खरीदने के लिए अनिवार्य ओपन ऑफर लाएगी। ओपन ऑफर की कीमत 3,929 करोड़ रुपये है और इसे यह सुनिश्चित करने के लिए समायोजित किया जाएगा कि प्रमोटरों की हिस्सेदारी नियामक की 75 फीसदी की सीमा के भीतर बनी रहे। कंपनी ने एक बयान में कहा कि सौदा पूरा होने पर लेन-देन के लिए तय रकम के अलावा कुछ आकस्मिक राशियां भी हैं, जिनका भुगतान करना पड़ सकता है और ये कुल मिलाकर 447 करोड़ रुपये हो सकती हैं।
एक्जो नोबेल इंडिया का शेयर शुक्रवार को 7 फीसदी बढ़कर 3,405 रुपये पर बंद हुआ और उसका कुल बाजार पूंजीकरण 15,506 करोड़ रुपये रहा। इस साल जनवरी से अब तक इसके शेयरों में 4 फीसदी की गिरावट आई है।
समूह की तरफ से इस सौदे की अगुआई का नेतृत्व करने वाले जेएसडब्ल्यू पेंट्स के प्रबंध निदेशक पार्थ जिंदल ने कहा, पेंट्स और कोटिंग्स भारत के सबसे तेजी से बढ़ते सेक्टरों में से एक है। ड्यूलक्स का जादू और जेएसडब्ल्यू पेंट्स की सोच के साथ हम भविष्य की पेंट कंपनी बनाने के लिए तत्पर हैं। जिंदल के अलावा, निजी इक्विटी दिग्गज ब्लैकस्टोन और पिडिलाइट इंडस्ट्रीज ने भी एक्जो नोबेल इंडिया की संपत्तियां खरीदने में रुचि दिखाई थी। लेकिन बाद में वे इस दौड़ से बाहर हो गईं।
जेएसडब्ल्यू समूह अधिग्रहण के लिए कई स्रोतों से रकम जुटाने की योजना बना रहा है। जेएसडब्ल्यू इन्फ्रा में प्रवर्तक हिस्सेदारी बेचे जाने के अलावा जेएसडब्ल्यू समूह 4,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए वैश्विक लेनदारों से बातचीत कर रहा है। इस साल मई में सज्जन जिंदल फैमिली ट्रस्ट ने जेएसडब्ल्यू इन्फ्रा की 2 फीसदी हिस्सेदारी बेची थी और 1,210 करोड़ रुपये के इस लेनदेन में सिंगापुर सरकार समेत कई संस्थागत निवेशक शामिल हुए। बैंकरों ने कहा कि यह कदम एक्जो नोबेल इंडिया के अधिग्रहण के लिए रकम जुटाने के लिए उठाया गया।
एक्जो नोबेल एन.वी. ने कहा कि लेनदेन की कुल उद्यम कीमत लगभग 1.4 अरब यूरो है, जिसमें कर्ज (1.64 अरब डॉलर) शामिल है, जो ईवी/एबिटा का 22 गुना है। इस सौदे में भारत में एक्जो नोबेल के लिक्विड पेंट्स और कोटिंग्स परिचालन शामिल हैं। लेकिन इसके पाउडर कोटिंग्स कारोबार और अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र को शामिल नहीं किया गया है।