देश की सबसे बड़ी खुदरा पेट्रोलियम विक्रेता इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) अपने रिफाइनिंग एवं पेट्रोरसायन कारोबार के विस्तार और ऊर्जा बदलाव से जुड़ी परियोजनाओं पर मौजूदा दशक में चार लाख करोड़ रुपये से अधिक निवेश करेगी।
आईओसी के चेयरमैन श्रीकांत माधव वैद्य ने शुक्रवार को सालाना आमसभा में कंपनी के शेयरधारकों को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आईओसी कच्चे तेल को ईंधन में बदलने और रिफाइनिंग क्षमताओं के विस्तार पर इस अवधि में एक लाख करोड़ रुपये निवेश करेगी जबकि 2.4 लाख करोड़ रुपये का बड़ा निवेश शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य को हासिल करने में मददगार परियोजनाओं पर किया जाएगा।
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सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी ओडिशा के पारादीप में एक विशाल पेट्रोरसायन परिसर लगाने पर भी 60,000 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रही है। वैद्य ने कहा कि आईओसी को इन निवेश योजनाओं से तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में बढ़ रही ऊर्जा मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा कंपनी ऊर्जा बदलाव की राह पर भी चलकर शुद्ध-शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य तक पहुंच पाएगी।
आईओसी के चेयरमैन ने कहा, “पिछले साल उतार-चढ़ाव ने वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य को हिलाकर रख दिया था लेकिन आईओसी ने देश के लिए अपनी प्रतिबद्धता पूरी शिद्दत से निभाई। भारत के ऊर्जा संरक्षक के रूप में आपकी कंपनी ने देश के ऊर्जा परिदृश्य के लिए एक स्पष्ट रोडमैप तैयार किया है।”
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आईओसी देश के ऊर्जा क्षेत्र में अपनी हिस्सेदारी को वर्ष 2050 तक बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है जो फिलहाल नौ प्रतिशत है।
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