फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) ने डीलरों के पास चार पहिया वाहनों की बढ़ती तादाद पर चिंता जताई है। वाहनों की बढ़ती संख्या अब 60 दिन के स्तर तक पहुंच गई और कुल करीब 5.50 लाख गाड़ियां जमा हो गई हैं। यह स्थिति डीलरों पर भारी आर्थिक बोझ डाल सकती है क्योंकि उन पर अनबिकी गाड़ियां रखने पर अतिरिक्त ब्याज का दबाव पड़ रहा है।
60 दिनों का इन्वेंट्री स्तर साल 2018-19 के स्तर के करीब पहुंच गया है। तब यह स्तर 70 दिन के करीब था और करीब 282 यात्री वाहनों के डीलरों ने शोरूम बंद कर दिए थे। फाडा ने इन चिंताओं को लेकर भारतीय वाहन निर्माताओं के संगठन सायम (SIAM) के साथ बातचीत शुरू कर दी है।
फाडा (FADA) के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया ने कहा, ‘हम इस मसले पर सायम को लिखेंगे। हमने मीडिया के जरिये बताया है कि डीलर खुश नहीं हैं और इन्वेंट्री में फंस रहे हैं।’ उन्होंने आर्थिक संकटों में फंसने से बचने के लिए डीलरों के बीच बेहतर वित्तीय प्रबंधन की आवश्यकता पर बल दिया।
एक सम्मेलन के इतर सिंघानिया ने पत्रकारों से कहा, ’30 दिन से अधिक की कोई भी अवधि डीलरशिप पर भारी पड़ना शुरू हो जाती है। बैंक से लिए गए किसी भी धन के लिए हमारे पास एक पुनर्भुगतान चक्र होता है, जिसे हमें 60 दिनों के भीतर घुमाना होता है और ब्याज सहित चुकाना पड़ता है।’
सिंघानिया ने दावा किया कि मूल उपकरण विनिर्माता (OEM) डीलरों से इस अवधि को 60 से बढ़ाकर 90 दिन करने का आग्रह कर रहे हैं जिससे डीलरों पर एक महीने के ब्याज का बोझ और बढ़ जाएगा। इस बदलाव से ओईएम को डीलरों के पास अधिक स्टॉक उतारने की सुविधा मिल जाएगी और इन्वेंट्री की समस्या ज्यादा बढ़ जाएगी।