केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि बेहतर नियमन के दायरे में आने वाले बाजारों में पहले से चल रही कुछ दवाओं को स्थानीय क्लीनिकल परीक्षण से पहले ही छूट दे दी गई है, लेकिन विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) यह जांच करेगी कि क्या उन दवाओं का भारत में पहले से उपलब्ध दवाओं की तुलना में अधिक चिकित्सीय लाभ हैं।
सरकार का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब 7 अगस्त को उन दवाओं के स्थानीय क्लीनिकल परीक्षण से छूट दी गई है, जिन्हें अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जापान और यूपोरीय संघ (ईयू) में मंजूरी मिली हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि इससे कुछ दवाओं की भारत में तेजी से आने की राह खुलेगी, क्योंकि क्लीनिकल परीक्षण से छूट का मतलब यह हुआ कि इससे 3 से 4 साल समय बचेगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इस नियम से उन आवश्यक दवाओं की उपलब्धता बढ़ाने में मदद मिलेगी।