प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने फ्रैंकलिन टेम्पलटन (Franklin Templeton) के पूर्व और मौजूदा अधिकारियों के मकानों की तलाशी ली है। यह तलाशी छह डेट योजनाओं से कथित निकासी से संबंधित है। ये योजनएं अप्रैल 2020 में बंद कर दी गईं।
सूत्रों ने बताया कि जिन अधिकारियों के ठिकानों की तलाशी ली गई, उनमें मुख्य निवेश अधिकारी संतोष कामत, भारत में कंपनी के पूर्व अध्यक्ष संजय सप्रे और पूर्व वितरण प्रमुख (एशिया प्रशांत) विवेक कुडवा एवं उनकी पत्नी रूपा कुडवा शामिल हैं।
ED की यह कार्रवाई भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा करीब दो साल पहले जारी आदेशों के बाद हुई है। बाजार नियामक ने जून 2021 में कुडवा दंपती को एक साल के लिए पूंजी बाजार में दखल से रोक दिया था। यह प्रतिबंध इसलिए लगाया गया था क्योंकि कुडवा दंपती पर योजनाएं बंद होने से पहले उस जानकारी के आधार पर अपनी यूनिट्स भुनाने का आरोप था, जो जानकारी सार्वजनिक नहीं हुई थी।
SEBI ने कुल 7 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया और 22 करोड़ रुपये वापस करने को भी कहा, जो योजनाएं बंद होने से पहले कुडवा दंपती द्वारा की गई कुल निकासी की करीब दो तिहाई रकम है।
फ्रैंकलिन टेम्पलटन ने कहा कि वह नियामक के साथ सहयोग कर रही है। उसके प्रवक्ता ने कहा, ‘हम सभी नियामकीय एवं वैधानिक एजेंसियों के साथ लगातार सहयोग कर रहे हैं और उनके द्वारा मांगी गई आवश्यक जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं। फ्रेंकलिन टेम्पलटन नियमों के अनुपालन पर काफी ध्यान देती है। हमारे पास भारतीय नियमों तथा वैश्विक स्तर पर कामकाज के सर्वश्रेष्ठ तरीकों के अनुरूप उपयुक्त नीतियां हैं।’
कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि ED की कार्रवाई का मौजूदा म्युचुअल फंड योजनाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इस साल 16 मार्च तक छह योजनाओं के तहत यूनिटधारकों को 26,931.27 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं। यह रकम 23 अप्रैल 2020 तक कुल प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों (AUM) की 107 फीसदी है।
एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘अब तक वितरित रकम 23 अप्रैल 2020 तक छह फंडों के संबंधित AUM मूल्यों के 99.32 फीसदी और 112.46 फीसदी के बीच है। हरेक वितरण के समय हरेक योजना का शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य 23 अप्रैल 2020 के मुकाबले अधिक था।
इसके अलावा 23 अप्रैल 2020 को योजनाएं बंद करते समय छह में से पांच फंडों का रिटर्न AUM के मुकाबले 100 फीसदी से ज्यादा रहा था। छह योजनाओं में से चार की सभी प्रतिभूतियां भुना ली गई हैं और बाकी दो योजनाओं में एक ही जारीकर्ता को तीन प्रतिभूति भुनानी हैं।’
एक अलग मामले में SEBI ने 2020 में छह ऋण योजनाओं को बंद करते समय नियामकीय मानदंडों का उल्लंघन करने पर फ्रैंकलिन टेम्पलटन को दो साल के लिए नई ऋण योजनाएं शुरू करने से रोक दिया था और उस पर 5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।