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TMT सरिया की बढ़ेगी मांग, Tata Steel के वाइस प्रेसिडेंट ने कहा- इन्फ्रास्ट्रक्चर में हो रहा इजाफा

वित्त वर्ष 2022-23 में भारत का कुल स्टील प्रोडक्शन 12.3 करोड़ टन (mt) था, जिसमें से 5.2 करोड़ टन TMT बार और छड़ें थीं।

Last Updated- December 18, 2023 | 3:55 PM IST
Tata Steel

देश में टीएमटी (TMT) सरिया की मांग अगले तीन से चार महीनों में बढ़ती रहेगी। उद्योग जगत के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही। टाटा स्टील लिमिटेड के उपाध्यक्ष (लॉन्ग प्रोडक्ट्स) आशीष अनुपम ने कहा कि निर्माण, आवास और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों से अच्छी मांग देखी जा रही है। इन क्षेत्रों में पूरे देश में नई परियोजनाएं लाई जा रही हैं। साथ ही सरकारी नीतियों में भी एकरूपता है। इसलिए निवेशकों की भावनाओं को बल मिला है।

अनुपम ने कहा, ‘‘ मैं तीन कारणों से बहुत आशावान हूं। सबसे पहले त्योहार खत्म हो गए हैं, कर्मचारी काम पर वापस आ गए हैं। मानसून भी खत्म हो चुका है। यह निर्माण के लिए सबसे अच्छा समय है क्योंकि इस वक्त गर्मी भी नहीं होती है। मैं अगले तीन से चार महीनों में मांग की दृष्टि से अधिक उत्साहित हूं। मैं कीमतों पर कुछ नहीं कह सकता क्योंकि यह कच्चे माल पर निर्भर करता है।’’

बाजार अनुसंधान कंपनी बिगमिंट (पुराना नाम स्टीलमिंट) के अनुसार, ब्लास्ट फर्नेस के जरिए उत्पादित टीएमटी की कीमतें सितंबर में 56,700 रुपये प्रति टन से गिरकर नवंबर में 55,900 रुपये प्रति टन हो गई।

फरवरी में टीएमटी सरिया की कीमतें 63,000 रुपये प्रति टन थीं। इंडक्शन फर्नेस (आईएफ) के जरिए उत्पादित टीएमटी सरिया की कीमतें सितंबर में 52,000 रुपये प्रति टन से गिरकर नवंबर में 49,000 रुपये प्रति टन हो गई।

वित्त वर्ष 2022-23 में भारत का कुल इस्पात उत्पादन 12.3 करोड़ टन (एमटी) था, जिसमें से 5.2 करोड़ टन टीएमटी बार और छड़ें थीं।

First Published - December 18, 2023 | 3:55 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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