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कोविड से जुड़ी बीमा पॉलिसी देना अनिवार्य

Last Updated- December 12, 2022 | 4:57 AM IST

भारतीय जीवन बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने स्पष्ट किया है कि सामान्य व स्वास्थ्य बीमा करने वाली कंपनियों के लिए अनिवार्य है कि वे कोरोना कवच पॉलिसी पेश करें। बीमा कंपनियों के नियामक आईआरडीएआई को यह शिकायतें मिल रही थीं कि कुछ बीमा कंपनियां कोविड से जुड़ी पॉलिसियां कोरोना कवच और कोरोना रक्षक नहीं जारी कर रही हैं, उसके बाद नियामक ने यह दोहराया है। पिछले साल जून महीने में जारी दिशानिर्देशों के मुताबिक मानक कोविड पॉलिसी पेश की गई थी।
नियामक ने पिछले साल वैश्विक महामारी को देखते हुए बीमा कंपनियों को कोविड स्टैंडर्ड हेल्थ पॉलिसी पेश करने को कहा था, सिमें एक बेस कवर की पेशकश हो। इसे कोरोना कवच नाम दिया गया था। वहीं वैकल्पिक लाभ देने वाली पॉलिसी को कोरोना रक्षक नाम दिया गया था। प्राधिकरण ने कहा था कि यह अनिवार्य है कि जनरल और हेल्थ बीमाकर्ता क्षतिपूर्ति आधारित कोविड-19 उत्पाद पेश करें, जबकि लाभ आधारित उत्पाद पेश करना सभी बीमाकर्ताओं के लिए वैकल्पिक होगा।
सोमवार को जारी एक बयान मे आईआरडीएआई ने कहा, ‘प्राधिकरण को शिकायतें मिली हैं कि कुछ बीमा कंपनियां कोरोना कवच और कोरोना रक्षक पॉलिसियों की पेशकश नहीं कर रही हैं। इस सिलसिले में यह स्पष्ट किया जाता है कि सभी जनरल और स्वास्थ्य बीमा कंपनियों के लिए यह अनिवार्य है कि वे 26.06.2020 के दिशानिर्देशों के मुताबिक कोरोना कवच पॉलिसी की पेशकश करें।’
इसके साथ ही बीमा कंपनियों को पिछले साल अक्टूबर में यह भी सलाह दी गई थी कि वे दो मानक कोविड उत्पादों के नवीकरण की भी पेशकश करें। साथ ही पिछले सप्ताह एक सर्कुलर में बीमा कंपनियों को सूचित किया गया था कि कुछ रिपोर्ट मिली हैं, जिसमें कहा गया है कि कुछ बीमा कंपनियां ग्राहकों को इन उत्पादों की पेशकश नहीं कर रही हैं, जबकि कुछ इनका नवीकरण नहीं कर रही हैं।

First Published - May 10, 2021 | 11:28 PM IST

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