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Byju’s की ऑडिटर डेलायट ने छोड़ा साथ, कंपनी के निदेशक मंडल में भी मची उथलपुथल

चिट्ठी में कहा गया है कि वित्तीय नतीजों में देर होने पर डेलॉयट को तय पैमानों के हिसाब से ऑडिट करने में बहुत दिक्कत होगी

Last Updated- June 22, 2023 | 10:47 PM IST
कंपनी मंत्रालय का निर्देश, Byju’s मामले की जांच में तेजी लाएं, Company Ministry's instructions to speed up investigation into Byju's case

शिक्षा-तकनीक क्षेत्र की कंपनी बैजूस (Byju’s) की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब कंपनी की ऑडिटर फर्म डेलॉयट हस्किन्स ऐंड सेल्स (Deloitte Haskins & Sells) ने यह कहकर इस्तीफा दे दिया है कि बैजूस वित्तीय नतीजे दाखिल करने में बहुत देर कर रही है। इतना ही नहीं खबर है कि बैजूस के निदेशक मंडल से तीन सदस्यों ने भी इस्तीफे दे दिए हैं। हालांकि कंपनी ने इससे इनकार किया है।

डेलॉयट (Deloitte) ने बैजूस की मूल कंपनी थिंक ऐंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक मंडल को पत्र लिखकर कहा, ‘31 मार्च 2022 को समाप्त हुए वित्त वर्ष के नतीजे अभी तक नहीं आए हैं। उस साल की ऑडिट रिपोर्ट में बदलाव के प्रस्ताव पर हमें कोई सूचना नहीं मिली है। न ही हमें यह पता है कि 31 मार्च, 2022 को खत्म हुए वर्ष के वित्तीय विवरण और बहीखाते ऑडिट के लिए तैयार हैं या नहीं। अभी तक हम ऑडिट शुरू ही नहीं कर सके हैं।’

चिट्ठी में कहा गया है कि वित्तीय नतीजों में देर होने पर डेलॉयट को तय पैमानों के हिसाब से ऑडिट करने में बहुत दिक्कत होगी। कंपनी ने कहा, ‘यह सब देखते हुए हम कंपनी के सांविधिक ऑडिटर के पद से फौरन इस्तीफा दे रहे हैं।’ डेलॉयट को 5 साल(1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2025) के लिए नियुक्त किया गया था।

इस बीच बैजूस ने एक बयान में कहा कि उन्होंने बीडीओ (एमएसकेए ऐंड एसोसिएट्स) को अपना ऑडिटर नियुक्त किया है। यह नियुक्ति वित्त वर्ष 2022 से पांच साल तक के लिए प्रभावी होगी।

उधर कंपनी के निदेशक मंडल में भी उथलपुथल मची है। सिकोया कैपिटल के जी वी रविशंकर, चान जुकरबर्ग इनीशिएटिव के विवियन वू और प्रोसस के रसेल ड्रीसेनस्टॉक ने कंपनी के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों ने दावा कि इन तीनों ने बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है मगर बैजूस ने इनका इस्तीफा स्वाकार नहीं किया है।

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बिजनेस स्टैंडर्ड को ई-मेल से भेजी प्रतिक्रिया में बैजूस ने कहा, ‘बैजूस डेलॉयट के इन दावों को सिरे से खारिज करती है। मीडिया प्रतिष्ठानों से आग्रह है कि वे अपुष्ट सूचनाएं प्रकाशित न करें और न ही बेजा अटकलों में पड़ें।’

पीक एक्सवी पार्टनर्स (पूर्व में सिकोया कैपिटल इंडिया), प्रोसस और डेलॉयट को भेजे गए ई-मेल का कोई जवाब नहीं आया।

कंपनी का अपने ऋणदाताओं के साथ अमेरिका में कानूनी विवाद चल रहा है। इन इस्तीफों से उसकी मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं। कंपनी ने न्यूयॉर्क सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा किया है। ऑडिटर और बोर्ड के सदस्यों का इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब बैजूस ने अगले साल के मध्य तक आकाश एजुकेशनल सर्विसेस का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम लाने की घोषणा की है।

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इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा, ‘मुझे लगता है कि रवींद्रन इसी तरह से कंपनी का संचालन करते हैं। काफी कम लोगों को पता होता है कि अंदर क्या चल रहा है। जिन लोगों ने इस्तीफा दिया है उनकी कंपनी में मामूली हिस्सेदारी है।’

First Published - June 22, 2023 | 10:47 PM IST

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