निजी क्षेत्र के कोटक महिंद्रा बैंक ने सात साल वाले बुनियादी ढांचा बॉन्ड (इन्फ्रा बॉन्ड) के जरिये 1,895 करोड़ रुपये जुटाए हैं, जिसका इस्तेमाल बिजली, सड़क व हाउसिंग क्षेत्रों को उधारी में किया जाएगा। इस बॉन्ड की ब्याज दर 7.55 फीसदी तय की गई है।
इस इश्यू के दो हिस्से हैं – 1,250 करोड़ रुपये का मूल आकार और 1,250 करोड़ रुपये के अतिरिक्त आवेदन को बनाए रखने का विकल्प। इस इश्यू को कुल मिलाकर 3,605 करोड़ रुपये की बोली मिली, लेकिन बैंक ने 7.55 फीसदी की दर पर 1,895 करोड़ रुपये की बोली स्वीकार की। बैंक ने एक बयान में यह जानकारी दी।
इन बॉन्डों को क्रिसिल ने एएए/स्टेबल की रेटिंग दी है। बैंक के निदेशक मंडल ने इन्फ्रा बॉन्ड के जरिए 7,000 करोड़ रुपये तक जुटाने की मंजूरी दी है। इन्फ्रा बॉन्ड लंबी अवधि की प्रतिभूतियां होती है और इसकी परिपक्वता अवधि कम से कम सात साल की होती है।
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बॉन्ड बाजार के डीलरों ने कहा कि बैंक को अपने बॉन्ड की बेहतर प्राइसिंग मिली क्योंकि पिछले सात दिनों में सरकारी बॉन्ड का प्रतिफल 7-8 आधार अंक सख्त हुआ है। निवेश करने वालों में मोटे तौर पर बीमा कंपनियां व संस्थान शामिल हैं।
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इन्फ्रा बॉन्ड के जरिए जुटाई गई रकम वित्त वर्ष 23 में घटकर 19,900 करोड़ रुपये रह गई, जो वित्त वर्ष 22 में 27,200 करोड़ रुपये रही थी। इन्फ्रा बॉन्ड का इस्तेमाल करने वाले प्रमुख बैंकों में SBI (10,000 करोड़ रुपये) और ICICI Bank (7,100 करोड़ रुपये) शामिल है। यह जानकारी जेएम फाइनैंशियल सर्विसेज ग्रुप के आंकड़ों से मिली।