भारतीय ब्रांड साल 2025 में ब्रांड फाइनैंस की रैंकिंग में ऊपर चढ़ने की अपनी रफ्तार बरकरार रखने में कामयाब रहे हैं। टाटा समूह ब्रांड फाइनैंस 2025 की रैंकिंग में भारत का सबसे ज्यादा रैंकिंग वाला ब्रांड बना हुआ है, एलऐंडटी समूह ने रैंकिंग में सबसे ज्यादा उछाल देखी और आईसीआईसीआई समूह ने पहली बार इस रैंकिंग में प्रवेश किया है।
इस रैंकिंग में शीर्ष तीन भारतीय ब्रांडों में टाटा समूह, इन्फोसिस और एचडीएफसी समूह शामिल हैं। टाटा समूह की रैंकिंग साल 2024 के 64 की तुलना में बढ़कर 2025 में 60 हो गई। इन्फोसिस की रैंकिंग पिछले साल की 145 के मुकाबले बढ़कर 132 हो गई।
एचडीएफसी समूह की रैंकिंग साल 2025 में 64 पायदान ऊपर बढ़कर 164 हो गई। एलऐंडटी समूह की रैंकिंग साल 2024 के 456 से बढ़कर साल 2025 में 316 हो गई। इसके बाद एसबीआई समूह की रैंकिंग साल 2024 में 330 से बढ़कर साल 2025 में 241 हो गई।
ब्रांड फाइनैंस की रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर ऐपल 574.5 अरब डॉलर के साथ सबसे अधिक मूल्यवान ब्रांड है, जो माइक्रोसॉफ्ट के 461 अरब डॉलर से आगे है।
भारत ने कुल ब्रांड मूल्य में 36 प्रतिशत का योगदान करते हुए दूसरा स्थान हासिल किया है। यह अहम उपलब्धि है जो ब्रांड मूल्य में 14 प्रतिशत की वृद्धि से हासिल हुई है। ब्रांड फाइनैंस 2025 की रैंकिंग में यह जानकारी दी गई है। भारत अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है जिसने आईटी सेवा ब्रांड मूल्य में अपना प्रमुख स्थान बरकरार रखा है और उसके पास कुल ब्रांड मूल्य में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
ब्रांड फाइनैंस आईटी सेवा 2025 रैंकिंग रिपोर्ट में कहा गया है कि यह उल्लेखनीय वृद्धि न केवल वैश्विक आईटी सेवा बाजार में भारत की प्रमुख भूमिका को उजागर करती है बल्कि साल 2025 में निरंतर विस्तार के मामले में इसकी तत्परता का भी संकेत देती है। यह मजबूती तकनीकी नवाचार, कार्यबल विस्तार और उभरते वैश्विक रुझानों के अनुकूल क्षमता पर इसके जोर दिए जाने से हुई है।
जैसे-जैसे अमेरिकी बाजार में सुधार के संकेत दिख रहे हैं, अनुमान जताया जा रहा है कि भारतीय आईटी कंपनियों को नए सिरे से मांग का अच्छा-खासा लाभ मिलेगा जिससे उद्योग में महत्त्वपूर्ण भागीदार के रूप में भारत की स्थिति और मजबूत होगी।
शीर्ष 25 आईटी सेवा ब्रांड का सामूहिक मूल्य साल 2025 में 163 अरब डॉलर बैठता है। इन शीर्ष 25 ब्रांडों में से 15 ने अपने ब्रांड मूल्य में इजाफा देखा है। यह बात निरंतर विकसित हो रहे डिजिटल परिदृश्य में आईटी सेवाओं के लगातार महत्त्व को रेखांकित करती है। हाल की आर्थिक चुनौतियों के बावजूद आईटी सेवा कंपनियां ब्रांड मूल्य वृद्धि में सुधार देख रही हैं जो मुख्य रूप से साल 2025-2027 के लिए बेहतर आर्थिक दृष्टिकोण से प्रेरित है।
जहां इस सूची में एक्सेंचर सबसे ऊपर है, वहीं टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) लगातार चौथे साल दुनिया के दूसरे सबसे मूल्यवान आईटी सेवा ब्रांड के रूप में अपना स्थान बरकरार रखे हुए है। इसका ब्रांड मूल्य 11 प्रतिशत बढ़कर 21.3 अरब डॉलर हो गया है। उल्लेखनीय है कि टीसीएस आईटी सेवा क्षेत्र का ऐसा दूसरा ब्रांड है जो ब्रांड मूल्य में 20 अरब डॉलर की प्रमुख सीमा को पार गया है। अपने ब्रांड में अपने निवेश तथा एआई और नई प्रौद्योगिकियों में अपनी बढ़ती ताकत के बल पर उसने ऐसा किया है।
एक्सेंचर का ब्रांड मूल्य दो प्रतिशत बढ़कर 41.5 अरब डॉलर हो गया और यह लगातार सातवें साल दुनिया का सबसे मूल्यवान आईटी सेवा ब्रांड बना रहा। इन्फोसिस का ब्रांड मूल्य आकर्षक रूप से 15 प्रतिशत बढ़कर 16.3 अरब डॉलर हो गया जिससे यह लगातार चौथे साल दुनिया के शीर्ष तीन सबसे ज्यादा मूल्यवान आईटी सेवा ब्रांडों में शामिल हो गया। एचसीएलटेक (जिसका ब्रांड मूल्य 17 प्रतिशत बढ़कर 8.9 अरब डॉलर हो गया) साल 2025 में दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ने वाले आईटी सेवा ब्रांड के रूप में उभरा है।